डीएनए हिंदी: Jungle Safari Near Delhi - अक्सर लोग सर्दियों में कहीं न कहीं घूमने का प्लान जरूर बनाते हैं. ऐसे में कुछ लोग स्नो फॉल का आनंद उठाने के लिए हिल स्टेशन पर जाते हैं, तो कई लोग अपना वेकेशन एन्जॉय करने बीचेस पर जाना पसंद करते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो वन्यजीवों का दीदार करने के लिए जंगल सफारी (Jungle Safari) पर जाना पसंद करते हैं. ऐसे में अगर आप भी वेकेशन एन्जॉय करने के लिए जंगल सफारी पर जाना चाहते हैं और किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं (Wildlife Tours), जो दिल्ली के करीब हो तो आप अपनी तलाश यहीं रोक दीजिए. क्योंकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं दिल्ली के आसपास के कुछ नेशनल पार्क (National Park Tours) के बारे में जहां पर आप दिल खोल कर एन्जॉय कर सकते हैं (Jeep Safari). यहां पर आप कई वन्यजीवों का दीदार कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में..

पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve)

अगर आप टाइगर के साथ साथ अन्य वन्यजीवों का दीदार करना चाहते हैं, तो आप उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहांपुर जिले में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व का सैर करने जा सकते हैं. सर्दियों के मौसम में पीलीभीत टाइगर रिजर्व खुलने का समय सुबह 6 बजे से 10 बजे तक का होता है. वहीं, दोपहर में इसका समय 2 बजकर 30 मिनट से सूर्यास्त तक का होता है. इसके लिए आप ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं. यहां आप बंगाल टाइगर, लोमड़ी, मगरमछ, घड़ियाल, हिरण, रीछ जैसे वन्यजीवों का दीदार कर सकते हैं.

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पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve)

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थित इस बाघ अभ्यारण का निर्माण साल 1981 में किया गया था. इसे साल 1994 में सरकार ने टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया था. दिल्ली से पन्ना 700 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां आप वायु मार्ग के जरिए कम समय में पहुंच सकते हैं. इसके अलावा यहां आप वीकेंड ट्रिप के लिए ट्रेन से भी जा सकते हैं. यहां आप सिंह, हिरण, भालू, गिद्ध, हंस, चीतल, चिंकारा, नीलगाय जैसे वन्यजीवों का दीदार कर सकते हैं. 

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इटावा लायन सफारी  (Etawa Lion Safari)

दिल्ली से इटावा 314 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां आप सड़क, रेल और वाय मार्ग के जरिए पहुंच सकते हैं. इस लायन सफारी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर 4डी थियेटर भी है. जहां आप नजदीक से वन्यजीवों का दीदार कर सकते हैं. यहां आप सिंह, हिरण, सफारी, भालू और तेंदुआ समेत कई अन्य वन्यजीवों का दीदार कर सकते हैं.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क - Jim Corbett National Park
यह देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है और सबसे पुराने में से एक भी है. हिमालय की शक्तिशाली तलहटी पर स्थित, इस पार्क की खूबसूरती जानवरों को अच्छे से जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करती है. बाघों के अलावा इस पार्क में देखने के लिए शीर्ष जानवर सुस्त भालू, गोरल, मछली पकड़ने वाली बिल्ली, तेंदुआ, चीतल, भौंकने वाले हिरण आदि मौजूद हैं. बाघों को देखने का सबसे अच्छा तरीका पार्क के पूर्वी भाग बिजरानी का दौरा करना है. आप ढिकाला और अन्य क्षेत्रों में वॉच टावरों के ऊपर से बाघों को देखने के साथ-साथ पार्क का खूबसूरत नजारा भी देख सकते हैं. बाघों को देखने के लिए पर्यटक रात भर ढिकाला क्षेत्र के वन विश्राम गृहों में रुकते हैं. बिजरानी क्षेत्र बाघों का सर्वाधिक घनत्व वाला क्षेत्र है. आप यहां मार्च से जून के बीच में आ सकते हैं और सुबह 6:30 से 10 बजे तक और दोपहर 1:30 से शाम 5:30 बजे तक यहां जंगल सफारी करने का समय है.

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान - Satpura National Park
बाघ पैदाइशी शिकारी होते हैं, जो स्वभाव से दुबकने के आदी होते हैं. जब जंगल में कैंटर और जीपों की लंबी कतार दौड़ती है तो ऐसे जानवर के दिखने की उम्मीद नहीं की जा सकती. इस प्रकार, सतपुड़ा प्रति दिन केवल 12 वाहनों की अनुमति देता है. बाघों को देखने के लिए सबसे अच्छी जगह सोनभद्र नदी है. गर्मियों के दौरान, आप गर्मी से बचने के लिए बाघों को नदी में तैरते हुए देख सकते हैं. यह बहुत कम बाघ अभयारण्यों में से एक है, जहां घूमने की अनुमति है. बाघों के अलावा, आप साही, जंगली सूअर, चिंकारा, चीतल, गौर, तेंदुआ, लकड़बग्घा, काला हिरन और अन्य जानवरों को भी देख सकते हैं. आप यहां अप्रैल और मई के महीने में आ सकते हैं. सुबह 7 से 11 बजे तक यहां जंगल सफारी करवाई जाती है.

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान - Bandipur National Park
नागरहोल और मुदुमलाई के साथ बांदीपुर दक्षिणी भारत में एक प्रमुख बाघ आबादी क्षेत्र के रूप में खड़ा है. पश्चिमी घाट में बाघों की आबादी देश की बाघों की आबादी का एक चौथाई होने का अनुमान है. इस पार्क में बस सफारी, हाथी सफारी और जीप सफारी की सुविधा उपलब्ध है. यदि आप बाघों को देखना चाहते हैं, तो हाथी सफारी या जीप सफारी का विकल्प चुनना सबसे अच्छा है. ऊटी-मैसूर हाईवे पर स्थित यह पार्क बाघों और हाथियों को देखने के लिए प्रसिद्ध स्थलों में से एक है. पार्क दो राज्यों के साथ फैला है. तमिलनाडु की ओर, इस पार्क को मुदुमलाई रिजर्व कहा जाता है. काबिनी क्षेत्र के साथ पार्क का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र गर्मी के मौसम में बाघों को देखने के लिए प्रसिद्ध है. बाघों के अलावा, आप नीलगिरि तहर, लंगूर, भारतीय खरगोश, तेंदुआ और कई अन्य जानवर देख सकते हैं. मार्च से जून के बीच ये जगह घूमने लायक है. सुबह 6:30 से 9 बजे तक और, दोपहर 3:30 से शाम 5:30 तक (बस); सुबह 10 से 11 बजे (हाथी सफारी) और, सुबह 6 से 9 बजे और शाम 4 बजे से शाम 6 बजे (जीप सफारी)

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान - Bandhavgarh National Park
मध्य प्रदेश के इस वन्यजीव अभयारण्य में देश के राष्ट्रीय पशु की आबादी सबसे अधिक है. करीब 50 बाघ महज 100 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं. इस पार्क में देखने के लिए अन्य जानवर सांभर, चीतल, जंगली सूअर, जंगली कुत्ता, भारतीय लोमड़ी, तेंदुआ, बाइसन, नीला बैल, मृग, नीलगाय आदि मौजूद हैं. बाघों के करीब जाने का सबसे अच्छा तरीका जीप या हाथी सफारी चुनना है. इस पार्क को कवर करने के लिए चार ज़ोन हैं और हर दिन केवल सीमित संख्या में वाहनों को ही प्रत्येक ज़ोन के माध्यम से पार्क में जाने की अनुमति है. ऐसे में प्री-बुकिंग बेहद जरूरी है. यहां जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून के बीच और यहां हर बुधवार नेशनल पार्क बंद रहता है. सुबह 5:30 से 10 बजे तक और शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक सफारी की टाइमिंग हैं.

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान - Ranthambore National Park
यह पार्क देश के सबसे बड़े पार्कों में से एक है और वन्यजीव फोटोग्राफरों के बीच बहुत प्रसिद्ध है. यह पार्क अब बाघों के लिए एक संरक्षण स्थल और एक टॉप बाघ अभयारण्य है. यहाँ देखने के लिए अन्य महत्वपूर्ण जानवर जंगली बिल्लियाँ, भारतीय लोमड़ी, मगरमच्छ, तेंदुआ, सुस्त भालू, सियार आदि मौजूद हैं. बाघों को आमतौर पर पार्क के बकौला क्षेत्र में देखा जाता है, जिसमें घने जंगल और कई पानी के होल्स हैं. रणथंभौर में बाघों की दिलचस्प कहानियां हैं, कहा जाता है कि इस पार्क में दुनिया की सबसे लंबी जीवित बाघिन थी. बाघिन ने शीर्ष पर्यटन आकर्षण होने और संरक्षण में एक भव्य भूमिका निभाने के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार जीता. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में दस जोन हैं और जोन 4 में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी है. यहां जंगल सफारी का सबसे अच्छा समय अप्रैल से मई है. सुबह 7 बजे से 10:30 बजे तक और दोपहर 2:30 से शाम 6 बजे तक जंगल सफारी की टाइमिंग है.

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान - Kanha National Park
इस राष्ट्रीय उद्यान को रूडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक में भी काफी अच्छे से वर्णित किया गया है. इस पार्क का एक बड़ा क्षेत्र खुले घास के मैदानों से आच्छादित है. बाघों को देखने के अलावा, आप गौर, ताड़ की गिलहरी, धारीदार लकड़बग्घा, चिंकारा, चूहा हिरण, काला हिरन, सियार, साही, सांभर जैसे जानवर देखने को मिल सकते हैं. बाघों को देखने का सबसे अच्छा तरीका पार्क के मुक्की प्रवेश द्वार से सुबह-सुबह हाथी की सफारी करना है. अप्रैल से जून यहां सफारी करने का सबसे अच्छा समय है. सूर्योदय से सुबह 10 बजे तक और दोपहर 3:30 बजे से सूर्यास्त तक आप यहां जंगल सफारी कर सकते हैं.

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जंगल सफारी के लिए परफेक्ट हैं ये नेशनल पार्क, नए साल पर थ्रिल के साथ लें एडवेंचर
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जंगल सफारी के लिए परफेक्ट हैं दिल्ली के आसपास के ये नेशनल पार्क

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जंगल सफारी के लिए परफेक्ट हैं ये नेशनल पार्क, नए साल पर थ्रिल के साथ लें एडवेंचर का मजा