डीएनए हिंदी: हाई ब्लड प्रेशर को मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन (Hypertension) कहा जाता है. यह बहुत ही गंभीर बीमारी है, जो स्ट्रोक, दिल और किडनी की बीमारी के साथ वक्त से पहले मौत का कारण  बनता है. इसके अलावा इसका जोखिम तब और भी बढ़ जाता है जब लोग खराब लाइफस्टाइल (Hypertension Causes) जीने लगते हैं और डाइट पर ध्यान नहीं देते हैं. साथ ही वर्कआउट न करने और जिसके परिवार में इसका इतिहास रहा हो या (Hypertension Symptoms) फिर तनाव इस बीमारी की मुख्य वजह बनती है. 

ऐसे में हाइपरटेंशन को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' (World Hypertension Day 2023) के रूप में मनाया जाता है. 

ब्लड प्रेशर का नॉर्मल स्तर 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से कम होना चाहिए और अगर ब्लड प्रेशर इससे ज्यादा या काफी कम हो जाता है, तो व्यक्ति हाई-लो ब्लड प्रेशर के शिकार हो जाता है. 

​​खराब लाइफस्टाइल है इसका सबसे बड़ा कारण

दरअसल आलस्य भरी जीवनशैली और गड़बड़ रूटीन कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है. आजकल लोग निजी जीवन में उलझ गए हैं और भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद का ख्याल नहीं रख पाते हैं. ऐसे में इसी जद्दोजहद में वे अपने शरीर के रेड फ्लैग्ज को भी नजरअंदाज कर बैठते हैं. 

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इसके अलावा अधिक स्मोकिंग, शराब का सेवन, शारीरिक गतिविधी की कमी, खराब डायट यानी जंक फूड का सेवन और ताजा फल व सब्जियां न खाना, यह सभी चीजें खराब लाइफस्टाइल का हिस्सा हैं. इतना ही नहीं दिनभर मोबाइल का इस्तेमाल और शारीरिक एक्टिविटी की कमी हाइपरटेंशन के बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण है. 

हाइपरटेंशन के दो स्टेज

दरअसल जो लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं. उनमें सिर दर्द, सांस फूलना और नाक से खून निकलना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि, यह सभी में नजर नहीं आते या तब तक नहीं दिखते जब तक व्यक्ति जानलेवा स्तर पर नहीं पहुंच जाता है. इसकी दो स्टेज होती हैं. 

पहली स्टेज: हाइपरटेंशन की पहली स्टेज तब होती है जब जांच की रीडिंग 130 से 139mm Hg के बीच हो और नीचे की रीडिंग 80 से 90mm Hg हो.

दूसरी स्टेज: वहीं हाइपरटेंशन तब होता है जब ऊपर की रीडिंग 140mm Hg से ऊपर हो और नीचे की रीडिंग 90mm Hg या उससे ज्यादा हो.

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इन लोगों को करानी चाहिए नियमित जांच 

अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर न शुरू किया जाए, तो इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों के साथ हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है. इसके अलावा ऐसा नहीं है कि चेकअप सिर्फ उन्हीं लोगों को करवाना चाहिए, जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हों या जिनके परिवार में हाइपरटेंशन का इतिहास रहा हो. इसके लिए 18 साल की उम्र के बाद सभी को कम से कम दो साल में एक बार अपना ब्लड प्रेशर जरूर चेक करना चाहिए. 

वहीं ​​हाई ब्लड प्रेशर होने पर जरूरी नहीं कि लक्षण नजर आएं. इसका पता तभी चलता है जब ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है. इसलिए बीपी की जांच कराते रहें ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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यह एक चीज बनती है हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह, जानिए ब्लड प्रेशर का नॉर्मल स्तर
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यह एक चीज बनती है हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह, जानिए ब्लड प्रेशर का नॉर्मल स्तर और कब करानी चाहिए जांच