डीएनए हिंदीः फल खाना महत्वपूर्ण है लेकिन नियमों का पालन करना उससे भी ज्यादा जरूरी है. फलों में नेचुरल सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होता है, जो शरीर को प्रतिरक्षा के लिए आवश्यक ऊर्जा और पोषकता प्रदान करते हैं. इनमें विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और एंजाइम होते हैं. इसलिए फलों को खाने से शरीर के विटामिन और खनिज की कमी दूर होती है, लेकिन तभी जब इसे खाने का तरीका सही हो. वरना फल पेट में जाकर जहर बन सकते हैं और आपको हॉस्पिटल पहुंचा देंगे
इसलिए जब भी आप फल खाएं तो अपने दिमाग में कुछ नियमों को ध्यान में जरूर रखें ताकि आपको फल खाने के फायदे मिलें न कि नुकसान. सभी फल अपने आप में बेहद स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, लेकिन सलाह दी जाती है कि ऐसे फल खाएं जो आपके लिए स्थानीय हों. इस धारणा के विपरीत कि आयातित फल स्वास्थ्यवर्धक हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन फलों को पकने से बहुत पहले ही तोड़ लिया जाता है, जिससे उनका पोषण मूल्य कम हो जाता है. इसके अतिरिक्त, एक बार जब वे बाजारों में पहुंच जाते हैं, तो उन्हें जल्दी और अप्राकृतिक रूप से पकाने के लिए उन पर रसायनों का छिड़काव किया जाता है. इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है - स्थानीय फलों का सेवन करें.
तो चलिए जान लें कि फलों को खाने का सही तरीका या नियम क्या हैं
फल साबुत खाएं - फलों का रस निकालने के बजाय उन्हें पूरा ही खाएं. जब आप फलों का रस निकालते हैं, तो आप फाइबर, विटामिन, खनिज और एंजाइम निकाल जाते और ये रस तुरंत पेट में पहुंचता है, जिससे फ्रुक्टोज की अधिकता के कारण आपके ब्लड शुगर में अचानक से बढ़ोतरी होती है. यह आपके यूरिक एसिड के स्तर को भी बढ़ा सकता है जो बाद में कई और स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म देत सकता है.
भोजन के बाद फल खाना बंद कर दें -यदि आप भोजन के तुरंत बाद फल खा रहे हैं, तो यह आपके पेट में चला जाता है और पहले से खाए गए भोजन से मौजूद खाद्य पदार्थों के साथ विघटित होना शुरू हो जाता है. परिणामस्वरूप पेट को अधिक एसिड का उत्पादन करने की आवश्यकता होती है जिसके कारण फल जल्दी से विघटित हो जाते हैं, अधिक अम्लीय हो जाते हैं और अपने अधिकांश स्वस्थ गुणों को खो देते हैं.
मौसमी फल खाएं -मौसम के मुताबिक हमारे शरीर की स्थिति और जरूरत बदल जाती है. जहां गर्मियों में रसीले फल की आवश्यकता ज्यादा होती है, वहीं सर्दियों में गर्मी देने वाले फूड खाने चाहिए. इसलिए मौसमी फलों का सेवन जरूर करें.
फल खाने से पहले कुछ मेवे खा लें
नट्स फलों से ब्लड शुगर में होने वाली वृद्धि को संतुलित करने में सहायता करते हैं क्योंकि वे वसा का स्रोत हैं. इसलिए पहले से ही नट्स खाएं फिर फल खाएं.
हमेशा पके फल खाएं
अगर आपको एसिडिटी, एसिड रिफ्लक्स, हार्टबर्न, गैस, ब्लोटिंग जैसी पेट की कोई भी दिक्कत है तो हमेशा पूरा पका फल ही खाएं. अधपके फल खाने से आपकी समस्या ज्यादा बढ़ सकती है.
फल खाने के बाद ना करें ये गलती
फल खाने के बाद पानी बिलकुल न पीएं. आयुर्वेद में ज्यादातर फलों को खाने के बाद पानी पीने से मना किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन फलों में मौजूद नेचुरल मिठास या फ्रूक्टोज पानी के साथ घुलकर पेट से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ा सकती है. इसके अलावा रसीले फलों का रस पानी के साथ मिलकर शरीर का पीएच लेवल बिगाड़ सकता है.
फल के साथ कभी ना खाएं डेयरी प्रॉडक्ट
दूध-दही आदि चीजें काफी स्वास्थ्यवर्धक होती हैं. लेकिन इन्हें फलों के साथ नहीं खाना चाहिए. इन्हे खाने से गट हेल्थ बिगड़ जाती है और आपको पेट की तकलीफ हो सकती है.
जरूरत से ज्यादा ना खाएं
किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा नहीं खाना चाहिए, चाहे वो हेल्दी ही क्यों ना हो. इससे गैस, अपच, ब्लोटिंग, पेट दर्द हो सकता है. अपने लिए जरूरी मात्रा को किसी एक्सपर्ट से भी पता कर सकते हैं
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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