डीएनए हिंदीः खांसते-खांसते यदि आपकी सांस फूल रही या रह-रहकर खांसी के दौरे आते हैं अथवा सीने में बलगम जकड़ गई है और किसी भी कफ सीरप से आपको आराम नहीं आ रहा तो इस समस्या देसी नुस्खा आजमा कर देखें. एक खास तरह के पत्ते के रस को पीने से आपके सीने से कफ बाहर निकल जाएगी और खांसी पर मैजिकल इफेक्ट नजर आएगा.
खांसी के लिए बार-बार दवाओं या कफ सिरप का इस्तेमाल कई तरह के नुकसान देता है. इसलिए आज आपको डॉ. मिहिर खत्री के उस उपाय को बताने जा रहे हैं जो आसानी से आपकी छाती में जमा बलगम और खांसी की जड़ से छुट्टी कर देंगे.
अडूसा के पत्ते में छुपा है कफ-खांसी का इलाज
बार-बार होने वाली खांसी और गले के इंफेक्शन से लेकर लंग्स में जमा गंदगी को दूर करने के लिए युर्वेद में वसाका यानी अडूसा के पत्तों को बहुत कारगर माना गया है. ये एक नैचुरल कफ सिरप होता है जो सीने में जमा बलगम को पिघला कर बाहर ला देता है और खांसी के साथ गले के इर्रिटेशन को भी शांत करता है.
छाती की कर देगा सफाई
डूसा में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी कफ जैसे गुणों से भरी अडूसा की पत्तियां छाती की गंदगी को साफ करती हैं इससे सीने का भारीपन दूर होता है. इतना ही नहीं, इसमें नाक बहना जैसी समस्या से राहत दिलाने की भी क्षमता है.
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में भी मददगार
अडूसा के पौधे में पाए जाने वाले गुण खांसी में बनने वाले कफ को कम करते हैं. इतना ही नहीं, इस औषधीय पौधे में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस और अन्य श्वसन संक्रमणों का इलाज करने की भी ताकत है.
अडूसा का रस
डॉक्टर ने बताया कि खांसी और उससे जुड़े लक्षणों से राहत पाने के लिए आप दवाओं या कफ सिरप की जगह अडूसा के पत्तों का रस ले सकते हैं. अडूसा के पत्तों का रस बनाने के लिए आप पत्तों को पीस लें और रस रोज खाली पेट 5-10ml पी ले.
अडूसा का काढ़ा कैसे बनाएं
अडूसा के पत्तों के रस के साथ ही इसका काढ़ा भी बना सकते हैं. इसके लिए चार कप पानी में पांच तुलसी के पत्ते और दो अडूसा के पत्ते और आधा चम्मच गुड़ डालकर खूब उबाल लें और इसे छान कर पी लें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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इन हरे पत्तों का रस खांसी और कफ को जड़ से करेगा दूर, छाती में जमा गंदगी होगी दूर