Ratan Tata Story: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद से देश में शोक का की लहर दौड़ गई है. रतन टाटा को उद्योग जगत के लोगों से लेकर आम जनता तक याद कर रही है. वह एक महान शख्सियत के तौर पर हमेशा याद रखे जाएंगे. रतन टाटा सादगी और सरलता का पर्याय थे. उनके ऐसे कई किस्से है जो इस बात का सबूत देते हैं. एक ऐसा ही किस्सा आपको बताते हैं.
एक बार रतन टाटा ने एक परिवार को स्कूटर पर सवार होकर कहीं जाते हुए देखा था. वह परिवार स्कूटर पर बारिश में भीग रहा था. यह देखकर रतन टाटा का दिल पसीज गया था. जिसके बाद उन्होंने मिडिल क्लास के लिए कम खर्च में एक सस्ती कार बनाने का फैसला लिया था. इस तरह रतन टाटा ने नैनो कार बनाने का तय किया था.
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2008 में हुई थी लांच
टाटा मोटर्स ने टाटा नैनो कार को साल 2008 को लॉन्च किया था. उन्होंने इस कार को बनाने के लिए इंजीनियर को बुलाकर सबसे सस्ती कार बनाने के लिए कहा था. इस कार की कीमत एक लाख रुपये थी. ऐसे में इसे एक मिडिल क्लास परिवार खरीद सकता था.
एक लाख की होने के कारण मीडिया ने इसे लखटकिया कार का नाम दिया था. लेकिन इस कार को ज्यादा लोगों ने पसंद नहीं किया और इसका प्रोडक्शन साल 2020 में बंद कर दिया गया था. इससे पता चलता है कि, कैसे रतन टाटा ने मिडिल क्लास की परेशानियों को समझा और समाधान करने का सोचा.
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रतन टाटा ने इस घटना से दुखी होकर लिया था 'नैनो कार' बनाने का फैसला, जानें किस्सा