डीएनए हिंदीः हर माता पिता की ये ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा पढ़ने में सबसे तेज हो. लेकिन, कई बच्चों का पढ़ने लिखने में मन नहीं लगता या फिर वो किसी सब्जेक्ट में (Parenting Tips) कमजोर होते हैं. वहीं, कई बच्चे पढ़ने लिखने के मामले में काफी तेज होते हैं. ऐसा जरूरी नहीं कि हर बच्चा शुरू से ही पढ़ने लिखने में तेज हो. नियमित अभ्यास से भी बच्चे पढ़ने लिखने में तेज हो जाते हैं. अगर आपका बच्चा भी पढ़ने लिखने में कमजोर है तो हो सकता है कि उसका इसमें मन ना लग रहा हो. बता दें की कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो बच्चों को (Poor Study Habits) कमजोर बनाती हैं. अगर आपका बच्चा भी कमजोर है तो उसकी आदतों पर ध्यान दें और अगर उसकी आदतें पढ़ाई के अनुकूल ना हो तो सुधार करें. आइए जानते कि बच्चों की वो कौन सी आदतें हैं जो उन्हें (Weak And Strong Students Habits) पढ़ाई लिखाई में कमजोर बनाती हैं.
कमजोर बच्चों में होती हैं ये आदतें
पढ़ने का तरीका
कई बार क्लास में बच्चों को जो पढ़ाया जाता है उसपर वो ध्यान नहीं देते हैं और उनका ध्यान इधर उधर भटकता रहता है. ऐसे बच्चे न टीचर की बात ठीक से समझते हैं न इनपर खास ध्यान देते हैं. इसलिए अपने बच्चों को फोकस करना सिखाएं.
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बिना प्लानिंग के पढ़ना
इसके अलावा कई बच्चे पढ़ाई की कोई प्लानिंग नहीं करते हैं, ऐसे बच्चे बिना प्लानिंग के नोट्स बना लेते हैं और उन्हें ये पता नहीं रहता है कि उन्हें कितना और क्या पढ़ना है या क्या नहीं. ऐसे में बच्चे सबकुछ पढ़ने के चक्कर में जरूरी टॉपिक पर ध्यान नहीं दे पाते हैं.
पढ़ाई में टालमटोल करना
कई बार बच्चे पढ़ाई में आनाकानी करते हैं या फिर टालना शुरू कर देते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह होती है की उन्हें जो कुछ भी पढ़ाया गया है, वह ठीक तरह से समझ नहीं आया. इसलिए उनके अंदर पढ़ने की रुचि नहीं पैदा होती और पढ़ाई करने में टालमटोल करते हैं.
परीक्षा से पहले रटना
जो बच्चे नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं, उन्हें एक बार रिविजन करने के बाद याद हो जाता है. वहीं, जो बच्चे परीक्षा सर पर आने पर रटना शुरू कर देते हैं, वे दूसरों के मुकाबले परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त नहीं कर पाते हैं.
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अकेले पढ़ाई करना
कई बच्चे अकेले में पढ़ाई करना पसंद करते हैं और किसी की मदद नहीं लेते. ये बिल्कुल भी अच्छी आदत नहीं है. क्योंकि अकेले पढ़ाई करना उबाऊ हो सकता है और इससे बच्चा हतोत्साहित हो सकता है. इसलिए बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ भी पढ़ने को कहें..
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पढ़ाई में कमजोर बनाती हैं बच्चों की ये आदतें, कहीं आपके लाडले में तो नहीं?