डीएनए हिंदी: मोतियाबिंद आंखों की गंभीर बीमारियों में से एक है. यह बीमारी आंखों की रोशनी को बुरी तरह प्रभावित करती है. यह आंख की आंतरिक ऊपरी परत को धुंधली कर देती है. ज्यादातर मामलों में यह बीमारी धुएं और अधिक धूप में रहने की वजह से होती है. मोतियाबिंद में आंखों की पुतली का हिस्सा सफेद हो जाता है. यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्ग लोगों में देखी जाती है, लेकिन धूप में रहने से लेकर खराब खानपान, बहुत अधिक फास्ट फूड, जंक फूड, स्मोकिंग और शराब का सेवन करने की वजह से भी यह बीमारी आंखों में घर कर जाती है. डायबिटीज से लेकर ग्लूकोमा जैसी स्थिति में भी मोतियाबिंद हो सकता है.
मोतियाबिंद के दिखते हैं ये 7 लक्षण
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मोतियाबिंद आंखों की रोशनी को प्रभावित करता है. इस बीमारी के घातक होने से पहले से एक या दो नहीं बल्कि 7 लक्षण दिखाई देते हैं. इन लक्षणों में मुख्य रूप से धुंधला दिखना, पास की चीजें दिखने में परेशानी, रात के समय देखने में दिक्कत होना, बहुत अधिक उजाले में आंखों के सामने धुंधला पन छाना, रंगों का फीका पड़ना, एक ही आंख से किसी भी चीज का दोहरा दिखना आदि. यह सभी मोतियाबिंद के लक्षण हैं. इनमें आंखों की सही देखभाल करके आप काफी हद तक कम कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. कैसे आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता है.
इन 4 चीजों का ध्यान रखने बच जाएगी आंखों की रोशनी
धूप से बचाएं आंखें
मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए सूरज की यूवी किरणों से आंखों को बचाकर रखें. नंगी आंखों से सूरज की तरफ न देखें. यह किरणें आपकी आंखों को प्रभावित करती हैं. इसकी वजह से मोतियाबिंद हो सकता है. इसकी वजह यूवी किरणें ऑक्सीडेटिव डैमेज की वजह बनती हैं. यह आंखों क लिए बहुत ही हानिकारक होती है. इसमें मौजूद अणु होते हैं, जिन्हें फ्री रैडिकल कहा जाता है. यह आपके लेंस में प्रोटीन को बाधित कर देते हैं. इन्हें आपस में जोड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए धूप में चश्मा पहनकर निकलें.
सही डाइट लें
शरीर के साथ ही आंखों को स्वस्थ रखने व बीमारियों से बचाने के लिए फलों और सब्जियों को डाइट में शामिल करें. विटामिन सी युक्त फूड्स का भरपूर मात्रा में सेवन करें. प्रोसेस्ड फूड्स को डाइट से बाहर करना ही फायदेमंद होता है. मोतियाबिंद से बचने के लिए एंटीऑक्सीडेंट को शामिल करें. यह सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है.
आंखों को चोट से बचाएं
आंखें हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है. आंखों पर मामूली चोट भी अंदर तक घाव कर सकती है. यह अंदर के लैंस से लेकर आसपास के हिस्से को डैमेज कर सकती है. स्वीमिंग के दौरान भी आंखों पर चश्मा पहनना चाहिए. यह पानी के तेज बहान से आंखों को बचाता है. आंखों पर लगने वाली मामूली चोट भी मोतियाबिंद की वजह बन सकती है, जो आपकी आंखों की रोशनी को कम कर सकता है.
नियमित रूप से कराएं आंखों की जांच
आंखों को सही रखने के लिए नियमित रूप से उनकी जांच कराते रहें. उम्र बढ़ने के साथ ही मोतियाबिंद का खतरा बढ़ता है. इसके अलावा भी आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियां आंखों की रोशनी को प्रभावित करती हैं. टेस्ट कराते रहने से इनका समय रहते पता लग जाता है, जो आपकी आंखों की रोशनी को कम हाने से रोकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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आंखों में ये 7 लक्षण देते हैं मोतियाबिंद के संकेत, समय रहते इन 4 कामों को करने से बच जाएगी रोशनी