डीएनए हिंदी : कई तस्वीरें, वीडियो, फ़िल्में, पत्रिकाएं और किताबें इस तरह तैयार की जाती हैं कि वे मानवीय सेक्सुअल उत्तेजना को बल देती हैं यानी भड़काती हैं. इन्हें देखने और पढ़ने को पोर्नोग्राफी कहा जाता है. पोर्नोग्राफी (Pornography Laws In India) को ही शॉर्ट फॉर्म में पॉर्न कहा जाता है. पॉर्न दो तरह के होते हैं. पहला सॉफ्ट पॉर्न (Soft Porn) और हार्ड कोर पॉर्न (Hardcore Porn). सॉफ्ट पॉर्न में कुछ दिखाया जाता है तो कुछ कल्पना की ख़ातिर छोड़ दिया जाता है.  हार्ड कोर पॉर्न सेक्स को बेहद खुले रूप में प्रदर्शित करता है. 

किस तरह अलग है सॉफ्ट पॉर्न हार्ड कोर पॉर्न से? 
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है,  सॉफ्ट पोर्न अंतरंगता का कुछ ही प्रतिशत दिखाता है वहीं हार्ड कोर पोर्न इंटिमेसी को उन्मुक्त रूप में दिखाता है. सॉफ्ट पोर्न (Soft Porn) में न्यूडिटी या निर्वस्त्रता की मात्रा सीमित रहती है वहीं हार्ड कोर पॉर्न (Pornography in India) पूरी तरह न्यूड होता है. माना जाता है कि हार्डकोर पॉर्न कुछ इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि यह देखने वाले के सेक्सुअल वांट को बस थोड़ा सा ही पुश नहीं करता है बल्कि इसे बेतरह बढ़ा सकने में सक्षम होता है. 

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कितना असली होता है पॉर्न ?

पॉर्न अक्सर उन चीज़ों को दिखाता है जो लोग अपने असल सेक्स लाइफ़ में अमूमन अनुभव नहीं करते हैं. हार्ड कोर पॉर्न में कुछ भी सम्भव होता है मसलन एक साथ कई लोगों का सेक्स में शामिल होना, अजनबियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना, कई बार अमानवीय सेक्स में शामिल होना. यहां यह गौर करना ज़रूरी है कि पॉर्न केवल लोगों की उत्तेजना को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. इसमें कल्पना के साथ कई अवास्तविक घटनाओं को भी शामिल किया जाता है. इस पर यकीन करना और अपनी सेक्स लाइफ़ को इसके अनुसार मैनेज करना समस्याप्रद हो सकता है. 

Pornography Laws In India: भारत में पॉर्न को लेकर क्या हैं नये नियम? 

2021 की गूगल सर्च इंजन की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा पॉर्न देखने वाला देश है, पर भारत पोर्नोग्राफी के समर्थन में नहीं है. यहां के कानून के अनुसार पॉर्न बनाना, बेचना, शेयर करना और इसका प्रदर्शन करना अपराध है. Information Technology (IT) Act 2000  के सेक्शन 67 के अनुसार सेक्सुअली एक्सप्लिसिट दृश्यों को बनाना, प्रकाशित करना अथवा बेचना अपराध है. इस कानून के सेक्शन 67 बी के मुताबिक़ यह दंडनीय अपराध है. पहले अपराध पर 5 साल की जेल और दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है वहीं रिपीट करने पर दंड अधिक गंभीर हो सकता है. गौरतलब है कि 2018 में भारत सरकार ने 800 से अधिक पॉर्न दिखाने वाली वेबसाइटों पर बैन लगा दिया था. यह पहली बार नहीं था जब पॉर्न पर कानून का डंडा टूटा था. ऐसा पहले भी हो चुका है. 

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Know about porn and its legality in India also know latest laws of Pornography
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Porn क्या होता है? इसे देखना भारत में अपराध है?
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Porn क्या होता है? क्या हैं भारत में Pornography Laws से जुड़े नए नियम?