डीएनए हिंदीः बालों के टूटने-झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें खराब लाइफस्टाइल, गड़बड़ खानपान, धूल-मिट्टी और प्रदूषण आम है. इतना ही नहीं, यह समस्या किसी मेडिकल ट्रीटमेंट का असर या फिर किसी बीमारी की वजह से भी हो सकता है. आमतौर पर तब तक बालों का झड़ना गंभीर स्थिति नहीं होती, जब तक इसकी वजह से आपको गंजापन न हो रहा हो. लेकिन, अगर बालों का झड़ना लंबे समय तक न रूके है और (Disease Cause Hair Loss) आप इसकी वजह से गंजेपन का शिकार हो रहे हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से (Hair Thickness) सलाह लेनी चाहिए. ऐसी स्थिति में कभी भी बालों का झड़ना हल्के में न लें. क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. आज हम आपको 5 ऐसी ही बीमारियों के बारे में बता रहे हैं, जिसके कारण बालों का (Hair Fall) झड़ना या पतला होना आम है.
थायरॉयड के कारण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक बालों का झड़ना हार्मोनल असंतुलन का परिणाम हो सकता है. बता दें कि हार्मोन शारीरिक कार्यों को सही तरीके से होने में मदद करते हैं और बालों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन, थायरॉयड बालों के विकास के लिए ज़िम्मेदार आयरन, कैल्शियम आदि जैसे आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने की हमारे शरीर की क्षमता को कंट्रोल करता है.
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एलोपेसिया एरीटा के कारण
एलोपेशिया एरीटा एक ऐसी ऑटोइम्यून बीमारी है जो बालों के झड़ने और गंजेपन से जुड़ी है. बता दें कि यह तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बालों के रोम पर हमला करती है, जिसके कारण बाल पतले हो जाते हैं और सिर पर पैचेज़ हो जाते हैं. इतना ही नहीं, कुछ लोग तो पूरी तरह से गंजे हो जाते हैं.
ल्यूपस के कारण
इसके अलावा ल्यूपस भी एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो बालों के झड़ने का कारण बनती है. इसकी वजह से खासतौर पर चेहरे और सिर की त्वचा पर सूजन नजर आता है और सिर के बालों के अलावा भी शरीर के अन्य हिस्से जैसे आइब्रो, आइलैशेज़, दाढ़ी आदि से भी बाल जाने लगते हैं.
पोषण की कमी के कारण
पोषक तत्वों की कमी से भी बाल झड़ने लगते हैं, इसलिए विशेषज्ञ बालों के विकास और मज़बूती के लिए उचित आहार लेने की सलाह देते हैं. इसलिए आयरन, ज़िंक, फैटी एसिड्स और कई तरह के विटामिन्स को डाइट में ज़रूर शामिल करें.
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तनाव और बालों का झड़ना
वहीं जब तनाव की वजह से बालों के झड़ने की बात आती है, तो इसके तीन अलग अलग प्रकार की बात होती है, जिसमें टेलोजेन एफ्लुवियम, ट्राइकोटिलोमेनिया और एलोपेसिया एरीटा शामिल है. बता दें कि टेलोजेन एफ्लुवियम में मानसिक तनाव बालों के रोम को रेस्टिंग चरण में धकेल देते हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं. ट्रिकोटिलोमेनिया में इंसान को अपने सिर से बाल नोचने की असहनीय इच्छा होती है यहां तक कि भौहों के बालों को भी. यह बड़े तनाव का परिणाम हो सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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हल्के में न लें बालों का झड़ना, इन बीमारियों के कारण भी तेजी से गिरते हैं बाल