कई लोग बदली हुई जीवनशैली और शरीर पर बुरा असर डालने वाली आदतों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं. काम का तनाव, रोजमर्रा की जिंदगी, फिर इस तनाव के कारण जरूरत से ज्यादा खाने की आदत और बढ़ता वजन कम करने के लिए अकसर लोग फास्टिंग या डायटिंग का सहारा लेते हैं. खासकर आजकल इंटरमीडिएट फास्टिंग का चलन तेज है.
12 से 18 घंटे की फास्टिंग से गंजेपन का खतरा
इंटरमीडिएट फास्टिंग यानी 12 घंटे का उपवास है. सीधे शब्दों में कहें तो दिन के कुछ निश्चित घंटों के लिए उपवास करना. हालांकि, एक शोध में इस प्रकार की डाइटिंग के बारे में अप्रत्याशित जानकारी सामने आई है. जिसके अनुसार लगातार उपवास करने से भारी मात्रा में बाल झड़ने से व्यक्ति को गंजेपन का डर रहता है. चीन के झेजियांग में वेस्टलेक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, जिस आहार में उपवास शामिल था, उससे बालों के विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा की कमी हो गई.
डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ता है
रुक-रुक कर उपवास करने से शरीर में ऊर्जा की सीमित आपूर्ति के कारण बालों की कोशिकाओं को नुकसान होता है. अक्सर इस स्थिति में शरीर से ऐसे रसायन निकलते हैं जो बालों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और यहां डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है. अवलोकन से जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, जो लोग प्रतिदिन 18 घंटे भूखे रहते हैं और उसी के अनुसार भोजन करते हैं, उनके बालों के बढ़ने की गति 18 प्रतिशत कम हो जाती है.
इस बीच, शोधकर्ताओं ने बताया कि उनका इरादा रुक-रुक कर उपवास करने वालों के बीच डर पैदा करना नहीं है, बल्कि वे यह दिखाना चाहते हैं कि इस तरह के उपवास या असंतुलित खान-पान से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उक्त शोध के लिए चूहों पर प्रयोग किये गये. जहां उन्हें एक निश्चित संख्या में घंटों तक भूखा रखा गया और फिर भोजन दिया गया, जिससे उपरोक्त निष्कर्ष शोधकर्ताओं के हाथ लगे.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
खबर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
क्या सच में फास्टिंग और डाइटिंग से बढ़ता है गंजेपन का खतरा? शोध में चौंकाने वाले तथ्य आए सामने