डीएनए हिंदी: (Diabetes In Children) भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान के कारण कई गंभीर बीमारियां है जो काफी आम हो गई है. इन्हीं में डायबिटीज भी एक है. डायबिटीज या शुगर एक हार्मोनल कंडीशन है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल का स्तर बढ़ जाता है, इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. डायबिटीज रोग 2 प्रकार के होते हैं टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज शरीर में बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बना पाती है. डायबिटीज टाइप 2 बॉडी के कई सिस्टम को प्रभावित करती है. इससे पैंक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन भी बंद हो जाता है.
बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का खतरा
शरीर के प्रमुख अंग टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) से डैमेज हो सकते हैं. यह समस्या अक्सर बच्चों में पाई जाती है. यदि आप भी इसके लक्षणों को समय रहते पहचान जाएंगे तो इसे कंट्रोल करना आसान हो जाएगा. आइए जानते हैं बच्चों में डायबिटीज की शुरुआत में दिखने वाले लक्षण और बचाव
प्यास लगना
डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों को बहुत ज्यादा प्यास लगने की समस्या होती है. जब किसी को ज्यादा प्यास लगती है तो यह इस बात का संकेत है कि खून में शुगर की मात्रा बढ़ गई है. यह डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes Type 1 Signs and Symptoms) हो सकते हैं. इस स्थिति में डॉक्टर से जांच कराएं कि अधिक प्यास क्यों लग रही है.
ज्यादा थकान और कमजोरी
टाइप 1 डायबिटीज में ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ (High Blood Sugar) जाता है, जिससे बच्चे को अधिक थकान और कमजोरी महसूस होती है. यह टाइप 1 डायबिटीज होने का संकेत हो सकती है.
बार-बार पेशाब लगना
डायबिटीज टाइप 1 में बार-बार पेशाब लगता है. शरीर में हाई शुगर लेवल के कारण बार-बार पेशाब आता है. बच्चा रात के समय सोते सोते बिस्तर गिला कर देता. बच्चों में इन लक्षणों को देखकर तुरंत सावधान हो जाएं.
ज्यादा भूख लगना
प्री-डायबेटिक स्टेज में भूख भी ज्यादा लगती है. अगर आपको सामान्य से ज्यादा भूख लग रही है तो ऐसी स्थिति में सावधान हो जाएं। जरूरत से ज्यादा भूख लगना भी डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण हो सकते है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. एक स्टडी के अनुसार, टाइप 1 डायबिटीज शरीर की ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चे का शरीर इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है. नियमित व्यायाम न करना और अनहेल्दी डाइट लेने के कारण बच्चों में डायबिटीज टाइप 1 बढ़ जाता है.
टाइप 1-डायबिटीज से बचाव के उपाय
अच्छी सेहत के लिए हेल्दी खाना खाएं. जैसे- हरी सब्जी, फल, फलीदार सब्जियां, साग, सीड्स आदि का सेवन करना फायदेमंद होगा. इसके साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करें. समय पर डॉक्टर से शुगर लेवल की जांच कराएं. बाहर का तला भूना और अनहेल्दी फूड खाने से बचें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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बच्चा बार-बार जा रहा है पेशाब तो हो जाए सतर्क, इस लाइलाज बीमारी के है संकेत, जानें लक्षण और बचाव