डीएनए हिंदीः रोटी को सीधे गैस,चारकोल या लकड़ी की आग में सेंकने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है. लेकिन ऐसा करना अनहेल्दी माना जाता है. क्योंकि इस तरह के खाना पकाने में खाने के सामान के जलने और इससे लिवर से लेकर आंतों तक को नुकसान होता है. रोटियों को तवे से सीधे पीएनजी या एलपीजी आग में सेंकना और भी खतरनाक होता है, क्योंकि तब इन रोटियों में अधजली गैसें भी अवशोषित हो जाती हैं.
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गैस पर बनी रोटी से हो सकता है कैंसर
पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, प्राकृतिक गैस स्टोव और कुकटॉप वायु प्रदूषकों के ऐसे स्तर का उत्सर्जन करते हैं जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और सूक्ष्म कण पदार्थ जो डब्ल्यूएचओ द्वारा असुरक्षित माने जाते हैं और श्वसन संबंधी बीमारी, हृदय संबंधी बीमारी से जुड़े होते हैं. साथ ही ये कैंसर का कारक भी होते हैं.
इतना ही नहीं, बल्कि न्यूट्रिशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार उच्च तापमान पर पकाने के तरीके हेट्रोसायक्लिक एमाइन (एचसीए) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) उत्पन्न करते हैं, जो कार्सिनोजेन्स के रूप में जाने जाते हैं.
कार्सिनोजेन्स के कुछ सेवन से कैंसर नहीं होता है. यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से ऐसे खाद्य पदार्थों (उच्च तापमान) का सेवन करता है, तभी कार्सिनोजेन्स आपके शरीर में प्रवेश करते हैं.
जानिए क्या कहती है रिसर्च
खाद्य मानक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड (FSANZ) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ पॉल ब्रेंट द्वारा वर्ष 2011 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जब ब्रेड गैस की लपटों के सीधे संपर्क में आती है, तो यह एक्रिलामाइड नामक एक रसायन का उत्पादन करती है जो चीनी और खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान कुछ अमीनो एसिड एक साथ गर्म होते हैं. हालांकि यह रिपोर्ट 'जले हुए टोस्ट' पर आधारित थी, लेकिन गेहूं के आटे में एक निश्चित स्तर की 'प्राकृतिक चीनी और प्रोटीन' भी होती है, जिसे सीधे आग पर एक साथ गर्म करने पर कार्सिनोजेनिक रसायन पैदा हो सकता है, जो मानव उपभोग के लिए असुरक्षित है.
रोटी पकाने का सही तरीका क्या है
पहले लोग चपातियों या रोटियों को तवे पर किचन टॉवल से दबाकर पकाते थे, जिससे लौ के सीधे संपर्क में नहीं आते. लेकिन, जब से चिमटे का आविष्कार हुआ, तब से लोगों ने चपातियों को सीधी आंच पर पकाना शुरू कर दिया. इस तरह से कम समय में ज्यादा चपाती बनाने का आसान तरीका मान लिया गया. साथ ही, इसे चपातियों को पकाने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता था क्योंकि इसे सभी तरफ से पकाया जाता था.
अन्य खाद्य पदार्थ जो कैंसर का कारण बन सकते हैं
अध्ययनों के अनुसार, जब मांस-मछली या अंडा आदि को भी उच्च तापमान या सीधे तंदूर में पकाया जाता है तो कार्सिनोजेनिक उत्पन्न होता है और रोज ऐसी चीजों को खाना कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इसके अलावा, एक शोध पत्र में कहा गया है कि जो लोग हैम्बर्गर रोज ही खाते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना 79% अधिक होती है.
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