डीएनए हिंदीः बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा के बाद उन्हें पीले रंग का प्रसाद चढ़ाना चाहिए. अगर आप देवी की कृपा पाना चाहते हैं तो खुद अपने हाथ से देवी को प्रसाद बनाकर चढ़ाएं, इससे देवी का आशीर्वाद भी मिलेगा और घर परिवार में ज्ञान- विद्या का उपहार भी मिलेगा.
बसंत नाम बसंत ऋतु से लिया गया है. ऐसा माना जाता है कि यह मौसम पीले रंग से जुड़ा है और इसलिए बसंत पंचमी पर पीले रंग का खास महत्व है. इस रंग का महत्व यह है कि इसे समृद्धि, सुख और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. यही कारण है कि बसंत पंचमी को भारत के कई अन्य हिस्सों में सरस्वती के रूप पूजा में मनाया जाता है. देवी सरस्वती को ज्ञान और ज्ञान की देवी माना जाता है.
इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर और पीले रंग के व्यंजन से देवी सरस्वती की पूजा करते हैं. ऐसा करना शुभ माना जाता है क्योंकि पीला आशावाद और प्रकाश का प्रतीक है. इस दिन विभिन्न घरों में कई रस्में निभाई जाती हैं और लोग कई मीठे और नमकीन व्यंजनों बनाते और खाते हैं. जानें कुछ खास पीले रंग के व्यंजनों की रेसिपी
केसरी चावल : यह पंजाबी घरों में बनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है. इसे मीठे चावल (मीठे चावल) के रूप में भी जाना जाता है, इस केसर के स्वाद वाले चावल को एक समृद्ध बनावट देने के लिए चीनी और नट्स के साथ डाला जाता है. पकवान कटा हुआ किशमिश, काजू और हरी इलायची से भरा हुआ होता है. चमकीले पीले रंग के चावल न केवल अच्छे लगते हैं बल्कि बहुत सुगंधित भी होते हैं.
केसरी खीर: केसरी खीर एक मलाईदार दूध का हलवा है जिसे आम तौर पर सेंवई या चावल के साथ बनाया जाता है. यह केसरी खीर पतले अ छोटे दाने वाले सफेद चावल से बनाई जाती है. कुछ केसर के धागों का सार इस शुद्ध सफेद रंग की मिठाई को बहुत ही खूबसूरत बनाता है. यह केवल पकवान में एक मोहक पीला रंग जोड़ता है बल्कि एक विशिष्ट सुगंध भी एड करता है.
केसरी हलवा: बसंत उत्सव के दौरान लोगों द्वारा पसंद की जाने वाली एक और केसर-स्वाद वाली मिठाई, केसरी हलवा है. यह सूजी और चीर्न बना एक विशेष हलवा है. यह हलवा मुंह में लेते ही पिघल जाता है, यह मीठा हलवा बहुत ही स्वादिस्ट होता है जो पिस्ता, काजू और कई अन्य नट्स से भरा हुआ रहता है. इसे केसर शीरा के रूप में भी जाना जाता है, यह मिठाई आमतौर पर गुजराती और महाराष्ट्रीयन घरों में खाई जाती है.
केसरी श्रीखंड: यह महाराष्ट्र की एक जानी-मानी मिठाई है जिसे अक्सर खास मौकों पर खाया जाता है. छाने हुए दही से बनी इस मलाईदार मिठाई
को केसर के कुछ धागों के साथ डाला जाता है ताकि इसे एक चमकीला रंग और एक ताजा स्वाद मिल सके.
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बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को लगाएं इन पीले प्रसाद का भोग, नोट कर लें रेसिपी