आपने अक्सर सुना होगा कि कुछ लोगों को पानी से बहुत डर लगता है और वे जरा सा पानी देखकर भी डूबने के आशंका से घबरा जाते हैं. वहीं कुछ लोग नहाने से डरते हैं. ये दोनों ही एक फोबिया से जुड़ी बीमारी है. और दोनों का इलाज न किया जाए तो गंभीरता बढ़ सकती है.
एक बीमारी है एक्वाफोबिया और दूसरी है एब्लूटोफोबिया. तो पहले चलिए एब्लूटोफोबिया के बारे में जानें क्योंकि ये ज्यादा गंभीर बीमारी मानी जाती है. फिर दोनों ही बीमारियों के लक्षण भी समझेंगे.
एब्लूटोफोबिया क्या है?
एब्लूटोफोबिया एक मानसिक बीमारी है जो पानी के प्रति गंभीर भय पैदा करती है. इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग नहाने से डरते हैं. अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा व्यक्त अनुमान के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 8 से 12% वयस्कों को एब्लूटोफोबिया नामक एक गंभीर बीमारी है. इस रोग से संक्रमित व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है. इसके अलावा जीवनशैली पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
एब्लूटोफोबिया पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है. गंभीर मानसिक स्वास्थ्य बीमारियाँ किसी भी व्यक्ति को और किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए, यदि शरीर में एब्लूटोफोबिया जैसी गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
एब्लूटोफोबिया के लक्षण:
- हृदय गति में वृद्धि
- बेहोशी या अचानक चक्कर आना
- शरीर के तापमान में अचानक वृद्धि या कमी
- शुष्क मुंह
- पानी से डरना
- सांस लेने में दिक्क्त
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पानी से डर क्यों लगता है?
पानी का डर एब्लूटोफोबिया जैसी मानसिक बीमारी के बाद शुरू होता है. नहाते समय कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं. एब्लूटोफोबिया से पीड़ित लोगों को कई गंभीर लक्षण अनुभव होते हैं, जैसे नहाते समय अचानक पसीना आना, हृदय गति बढ़ जाना आदि. यह समस्या मुख्यतः बचपन में पानी के प्रति भय या पानी में हुई दुर्घटनाओं के कारण उत्पन्न होती है.
एक्वाफोबिया क्या है?
वाटर फोबिया जिसे एक्वाफोबिया (Aquaphobia) भी कहा जाता है जिसमें इंसान को पानी में जाने चिंता या घबराहट बढ़ने लगती है. कम पानी में भी इंसान जाने से डरता है. उसे डूबने का डर रहता है
वाटर फोबिया के लक्षण:
पानी के बारे में सोचने या देखने पर चिंता या डर महसूस होना.
नहाने, शॉवर, पूल या पानी के अन्य स्रोतों से बचना.
डूबने या पानी में फंसने का डर.
पानी में आंख, कान या सिर में पानी जाने का डर.
कारण:
पानी से जुड़ा कोई दर्दनाक या डरावना अनुभव होना.
आंतरिक रूप से अधिक चिंतित व्यक्ति होना.
उपचार:
एक्सपोज़र थेरेपी, जिसमें धीरे-धीरे पानी के संपर्क में आना शामिल है.
संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT), जो विचारों और व्यवहारों को बदलने में मदद करता है.
दवाएँ, जो चिंता को कम करने में मदद कर सकती हैं.
हाइड्रोफोबिया और एक्वाफोबिया में अंतर:
हाइड्रोफोबिया, जिसे रेबीज के अंतिम चरण में भी देखा जा
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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एक्वाफोबिया और एब्लूटोफोबिया क्या है?
पानी से लगता है डर? अगर दिख रहे ये संकेत तो ये इस मानसिक बीमारी का है लक्षण