आचार्य चाणक्य को 20वीं सदी के सबसे ज्ञानी और शिक्षित लोगों में से एक माना जाता है. अपने अनुभवों से उन्होंने परिवार, समाज, देश, सेना और विदेश नीति सहित कई विषयों का अद्भुत ज्ञान प्राप्त किया. अपने अनुभव के आधार पर आचार्य चाणक्य ने अपने जीवनकाल में कई प्रकार की नीतियां बनाई थीं. उन्होंने अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखी, जो बाद में चाणक्य नीति के नाम से प्रसिद्ध हुई.
चाणक्य ने कुछ स्थानों पर न जाने की बात कही है
यदि कोई भी व्यक्ति चाणक्य द्वारा बताए गए सिद्धांतों का पालन करता है और उनके बताए मार्ग पर चलता है, तो उस व्यक्ति को सफलता अवश्य मिलती है. इस बीच, आचार्य चाणक्य ने 5 जगहों पर न जाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इन पांचों जगहों पर आपको नुकसान के अलावा कुछ नहीं मिलेगा.
जहां सम्मान न हो
हर व्यक्ति चाहता है कि उसे हर जगह सम्मान मिले. इससे न केवल अच्छा महसूस होता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है. ऐसे में अगर आप किसी ऐसी जगह जाते हैं जहां आपकी बातों को नजरअंदाज किया जाता है. हर छोटी-छोटी बात पर अपमान या उपहास का पात्र बनना पड़ता है. इसलिए ऐसी जगह पर रहना मूर्खता कहलाता है.
यदि आपका कोई परिचित नहीं है
काम के लिए नए स्थानों पर जाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन वहां जाने से पहले आपको यह जांच कर लेनी चाहिए कि क्या वहां आपकी मदद करने के लिए कोई है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो आप मुसीबत में अकेले रह जायेंगे. इसलिए आपको ऐसे स्थान पर ज्यादा समय तक नहीं रुकना चाहिए जहां आपके मित्र या रिश्तेदार न रहते हों.
जहां शिक्षा के लिए उपयुक्त वातावरण न हो
शिक्षा न केवल किसी भी व्यक्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि व्यक्ति की सोच को विस्तारित करने में भी मदद करती है. ऐसे में अगर आप किसी ऐसी जगह जाते हैं जहां शिक्षा को कोई महत्व नहीं दिया जाता. जहां जाने के लिए कोई स्कूल या कॉलेज नहीं है, वहां जाना आपको आगे बढ़ाने के बजाय पीछे धकेल सकता है. इसलिए ऐसी जगह पर नहीं बसना चाहिए.
जहां संस्कृति का अभाव है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब लोगों में संस्कारों की कमी होती है तो वे एक-दूसरे को धोखा देते हैं. वे एक-दूसरे से झूठ बोलते हैं और एक-दूसरे को गिराने की साजिश रचते हैं. आपको कभी भी ऐसी जगह नहीं जाना चाहिए और न ही वहां अपना घर बनाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
जहां कोई नौकरी नहीं है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसी जगह जाना बेकार है जहां नौकरी के अवसर न हों. अब, चाहे वह जगह कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो, अगर आपको वहां नौकरी या व्यवसाय के अवसर नहीं मिलते, तो वहां रहना व्यर्थ है. ऐसे स्थानों को यथाशीघ्र छोड़ देना चाहिए. आप ऐसी जगह पर बस घूम सकते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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चाणक्य नीति
इन 5 जगहों पर कभी पैर नहीं रखना चाहिए, वरना अपमान और पछतावा कभी खत्म नहीं होगा