डीएनए हिंदीः मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस यानी कल 2 मई को लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए मनाया जाता है.
अस्थमा यानी दमा फेफड़ों के एयरवेज के सूजन से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी में सांस लेने में दिक्कत के साथ कई और तरह की दिक्कत शुरू हो जाती है. किसी को कफ-बलगम तो किसी को हमेशा सीना भारी रहने या खांसी आते रहने की समस्या होती है. असल में दमा 7 तरह का होता है और का लक्षण दूसरे से कुछ अलग ही होता है,
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यहां आपको 7 तरह के अस्थमा के बारे में बताएंगे साथ ही यह भी बताएंगे कि अस्थमा का सबसे गंभीर स्टेज कब होता है और इन्हेलर लेते समय कैसी परेशानी हो तो समझ लें की दमा गंभीर हो गया है.
इन 7 टाइप का होता है अस्थमा
एलर्जी अस्थमा- संक्रामक ज़ुकाम और फेफड़ों की सूजन या रासायनिक धुएं, मजबूत गंध, धुएं और इसी तरह के उत्तेजक पदार्थ के प्रति संवेदनशील होने वाले लोगों को एलर्जी अस्थमा होता है. कई बार मौसम में बदलाव यानी उच्च आर्द्रता या ठंड का मौसम से भी ये होता है.
एस्पिरिन से प्रेरित अस्थमा- ये एक क्लिनिकल सिंड्रोम है जो एस्पिरिन और अन्य गैर-स्टेरायडल दवाओं के कारण होती है. ये सिंड्रोम अक्सर नाक के पॉलीपोसिस से जुड़ा होता है.
खांसी-भिन्न अस्थमा- कफ-वैरिएंट अस्थमा एक प्रकार का अस्थमा है जिसमें मुख्य लक्षण सूखी, अनुत्पादक खांसी होती है. कफ-वैरिएंट अस्थमा वाले लोगों में अक्सर कोई अन्य "क्लासिक" अस्थमा के लक्षण नहीं होते हैं, जैसे कि घरघराहट या सांस की तकलीफ.
व्यायाम प्रेरित अस्थमा- व्यायाम-प्रेरित अस्थमा तब होता है जब कठिन शारीरिक गतिविधि के दौरान वायुमार्ग संकीर्ण या संकुचित हो जाते हैं. यह व्यायाम के दौरान या बाद में सांस की तकलीफ, घरघराहट, खांसी और अन्य लक्षणों का कारण बनता है. इसे ब्रोन्कोकन्सट्रिक्शन (ब्रोंग-कोह-कुन-स्ट्राइक-शुन) कहा जाता है.
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रात का अस्थमा- रात का अस्थमा अचानक से उभरता है. नींद के दौरान अस्थमा होने का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन मुख्यतः एलर्जी के कारण ही होता है. वायुमार्ग का ठंडे होने से और हार्मोन स्राव सर्कैडियन पैटर्न में दिक्कत होने से ऐसा होता है.
स्टेरॉयड प्रतिरोधी अस्थमा-स्टेरॉयड-प्रतिरोधी अस्थमा (SRA) उन रोगियों को होता है जिनके लक्षण अस्थमा के अनुरूप होते हैं और स्थिति बेहद खराब होती है, क्योंकि इन पर इन्हेलर या कॉर्टिकोस्टेरॉइड का हाई डोज भी असर नहीं करता है.
व्यावसायिक अस्थमा- व्यावसायिक अस्थमा अस्थमा का एक प्रकार है. यह तब होता है जब आप काम पर रासायनिक धुएं, गैसों, धूल या अन्य पदार्थों में सांस लेते हैं. जब ऐसा होता है, तो यह एक एलर्जी या प्रतिरक्षात्मक प्रतिक्रिया का कारण बनता है.
अस्थमा के प्रकार के आधार पर, विभिन्न प्रबंधन कदम और उपचार के विकल्प हैं जो मदद कर सकते हैं.
कैसे जानें कि अस्थमा का ये है गंभीर स्तर
कुछ लोग सूंघने वाली कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या अन्य दमा नियंत्रक दवाओं के प्रति अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं करते हैं, यह एक संकेत है कि आप गंभीर अस्थमा से पीड़ित हैं. स्टेरॉयड-प्रतिरोधी अस्थमा ही सबसे गंभीर माना जाता है.
अस्थमा के लक्षण – Symptoms of Asthma
अस्थमा का सबसे आम लक्षण घरघराहट है. यह एक तरह की कर्कश या सीटी की सी आवाज होती है, जो सांस लेने पर निकलती है.
अस्थमा के लक्षण–
- खांसी, विशेषतौर पर रात में, हंसते समय या व्यायाम के दौरान
- सीने में जकड़न
- सांस लेने में कठिनाई
- बात करने में दिक्कत
- बेचैनी या घबराहट
- थकान
- छाती में दर्द
- तेज-तेज सांस लेना
- बार-बार इंफेक्शन होना
- नींद न आना
अस्थमा क्यों होता है – Causes and triggers of Asthma
अस्थमा विभिन्न कारकों के कारण होता है. इसमें निम्न कारक शामिल हैं.
जेनेटिक – अगर आपके माता-पिता या भाई-बहन किसी को अस्थमा है तो आपको भी अस्थमा हो सकता है. इस तरह के अस्थमा को जेनेटिक या आनुवंशिक कहा जाता है.
वायरल इंफेक्शन का इतिहास – जिन लोगों को बचपन में रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस इंफेक्शन (RSV) जैका गंभीर वायरल इंफेक्शन होता है उनमें अस्थमा के लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक होती है.
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हाइजीन हाइपोथिसिस – इस सिद्धांत के अनुसार जो बच्चे अपने शुरुआती दिनों या वर्षों में पर्याप्त बैक्टीरिया के संपर्क नहीं आते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अस्थमा और अन्य एलर्जिक स्थितियों से लड़ने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती.
कई अन्य कारण भी हैं जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं और लक्षणों को खराब कर सकते हैं. अस्थमा के अलग-अलग कारण हो सकते हैं और कुछ लोग अन्य लोगों के मुकाबले अधिक संवेदनशील हो सकते हैं.
अस्थमा अटैक आते ही क्या करें
अस्थमा का अटैक आने पर सीधे बैठना चाहिए और इंहेलर का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इंहेलर का इस्तेमाल करने के बावजूद लक्षण 20 मिनट में कम नहीं होते हैं तो आपको इमरजेंसी में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
इसमें इंहेलर की मदद से कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जाती हैं जो एयरवेज के आसपास सूजन कम करने, बलगम बनने की रफ्तार पर ब्रेक लगाने और सांस लेने में मदद करती हैं. एंटीकोलिनर्जिक्स दवाएं एयरवेज के आसपास की मांसपेशियों को टाइट होने से रोकती हैं. इन दवाओं को एंटीइंफ्लेमेटरी दवाओं के साथ रोज लिया जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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7 तरह का होता है अस्थमा, इन्हेलर लेते समय हो रही ये दिक्कत तो समझ लें गंभीर है दमा