डीएनए हिंदी: (Neem Ke Fayde) मानसून आते ही गर्मी से राहत मिलने के साथ ही कई तरह के इंफेक्शन और बैक्टीरियों का खतरा बढ़ जाता है. बरसात के बीच स्किन से लेकर पेट की कई गंभीर समस्याएं घेर लेती हैं. इन्हें नेचुरल तरीके से ठीक करने के साथ ही बचा जा सकता है. इसके लिए औषधीय गुणों से भरपूर नीम की निंबोलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इनका सेवन करने से ही पेट से लेकर कई गंभीर बीमारियां खत्म हो जाती हैं. छोटी सी दिखने वाली निंबोलियों को खाने से लेकर नीम के पत्तों को लगाने या इसके पानी से नहाने पर बैक्टीरियां मर जाते हैं. नोएडा के सेक्टर 145 स्थित फेलिक्स अस्पताल के डर्मोटोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ कुमार के अनुसार, नीम के पेड़ का हर भाग स्किन की बीमारियों को दूर करने से लेकर पेट, दांत, सूजन और बुखार को दूर कर सकता है.
इन पोषक तत्वों से भरपूर है नीम
नीम के फल यानी निंबोली, पत्ते, टहनियां, छाल, बीज, जड़ सभी को आयुर्वेद में दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह नीम का एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीकार्सिनोजेनिक, एंटीऑक्सिडेंट,एंटीमाइरियल, एंटीसेप्टिक और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होना है. इसका इस्तेमाल आयुर्वेद से एलोपेथी में दवाईयां से लेकर ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बनाने में किया जाता है.
आइए जानते हैं निंबोलियों के फायदे
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इंफेक्शन से दूर रखती हैं नीम की निंबोलियां
मानसून के मौसम में नीम की निंबोलियां खाना बहुत ही फायदेमंद होता है. इनका सेवन करने या फिर नीम के पत्तों से नहाने से बैक्टीरिया और इंफेक्शन दूर हो जाता है. इसकी वजह नीम का एंटीबैक्टेरियल गुणों से भरपूर होना है. जो आपकी स्किन में बैक्टीरिया को बढ़ने नहीं देता. यह उसे बाहर निकाल फेंकता है.
स्किन के लिए संजीवनी से नहीं है कम
अगर आप अपनी स्किन के लिए किसी एंटी एंजिंग फूड को ढूंढ रहे हैं तो निंबोली से बेहतर कोई नहीं मिल सकता. यह आपकी स्किन एलर्जी, खुजली या रेडनेस को कम करने के साथ ही एंटी एंजिग इफेक्ट्स देती है. नीम की पत्तियों का लेप भी कर सकते हैं. इसके पानी से नहाने पर भी यह सूर्य की किरणों से स्किन की सुरक्षा करता है. नीम के किसी भी प्रॉडक्ट या देसी नुस्खे का इस्तेमाल करने पर रिंकल से मुक्ति मिल जाएगी. स्किन एक दाम टाइट और सही रहेगी.
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घाव भरने में करती हैं मदद
नीम की निंबोलियां खाने या फिर नीम के पत्तों से नहाने पर ही भारी से भारी घाव जल्द से जल्द ठीक होने लगता है. यह घाव वाले स्थान में बैक्टीरिया को घुसने से रोकता है. इसे इंफेक्शन का खतरा काफी कम हो जाता है. इसके साथ ही बैक्टीरिया को अंदर घुसने का रास्ता नहीं मिल पाता. घाव, सूजन या दर्द में नीम के पत्तों का लेप करने से यह जल्दी भर जाता है. इसके साथ ही सूजन और दर्द भी कम होते हैं.
सोरायसिस से भी मिल जाता है आराम
अगर सोरायसिस या स्किन एक्जिमा जैसी समस्या है तो इसमें नीम की निंबोलियां किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है. यह बहुत ही लाभदायक होती हैं. इनका सेवन स्किन को अंदर से पोषण देता है. साथ ही खून को साफ करती हे. इसे स्किन की सभी तरह की समस्याओं से आराम मिल जाता है.
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माउथ अल्सर से लेकर किडनी को भी करती है डिटॉक्स
मुंह में छाले या माउथ अल्स की मुख्य वजह पेट की खराब होना है. ऐसे में नीम की निंबोलियों का सेवन करने से मुंह के छाले और माउथ अल्सर खत्म हो जाता है. यह आपकी किडनी को भी डिटॉक्स करने का काम करती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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मानसून में इन 5 बीमारियों और इंफेक्शन को दूर करती हैं नीम की निंबोलियां, जानें इस्तेमाल करने का तरीका और फायदे