Bhagvad Gita Happy Married Life Tips: महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को असमंजस में देखकर उनके सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण ने जो उपदेश दिया था, वो श्रीमद्भगवद्गीता में मौजूद है. महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा मानी जाने वाली भगवद गीता के 18 अध्याय और 700 श्लोक में जीवन के हर पहलू का सार मौजूद माना जाता है. इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने वो रहस्य भी बताया है, जो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन को हमेशा के लिए सुखद बना सकता है. श्रीकृष्ण के बताए उपाय अपनाने पर ना केवल जिंदगी में सफलता मिलती है, बल्कि निजी संबंधों में भी प्रगाढ़ता आती है. उनके बताए कुछ उपाय हम आज आपको बता रहे हैं.
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गीता में धैर्य और विश्वास को हर रिश्ते की नींव बताया गया है. इसमे पति-पत्नी का रिश्ता सबसे अहम है, क्योंकि इस रिश्ते में आपसी विश्वास जरा भी टूटने पर सबकुछ बिगड़ जाता है. साथ ही गीता में यह भी कहा गया है कि आपसी विश्वास हासिल करने के लिए पति और पत्नी, दोनों को धैर्य भी रखना चाहिए, क्योंकि इसी से समय की पर्त में समस्याओं के समाधान तक पहुंच हासिल होती है.
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गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने त्याग की महिमा भी बताई है. उन्होंने कहा है कि किसी भी संबंध को स्थायी बनाने के लिए त्याग जरूरी है. साथ ही वैवाहिक संबंध में दोनों जोड़ीदार को आपसी खुशियों के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित करने और अपनी इच्छाओं को त्यागने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसी से आपसी समझ और प्रेम बढ़ता है.
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भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में निस्वार्थ प्रेम को सबसे मजबूत बताया है. वैवाहिक रिश्ते में भी पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति बिना किसी स्वार्थ के समर्पित होना चाहिए. इसी से रिश्ता मजबूत होता है.
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पति-पत्नी का रिश्ता हो या कोई अन्य रिश्ता, किसी भी रिश्ते का दुश्मन अहंकार होता है. भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अहंकार छोड़ने की सलाह दी है, क्योंकि यह अक्सर संघर्ष और परेशानी का कारण बनता है, जिससे आपसी रिश्ते बिगड़ते हैं.
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भगवद गीता में हर किसी को समान बताया गया है. यह बात वैवाहिक रिश्ते पर भी लागू होती है. पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति समानता और सम्मान का भाव रखेंगे, तो वह रिश्ता चिरकाल तक के लिए मजबूत होगा. यदि एक-दूसरे के प्रति इज्जत और समानता नहीं होगी तो रिश्ता सफल नहीं होगा.
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भगवद गीता में धर्म के मार्ग पर चलना और अपने साथियों के लिए वफादार रहना सिखाया गया है. वैवाहिक रिश्ते में भी पति-पत्नी का एक-दूसरे के प्रति वफादार रहना और जीवन के हर उतार-चढ़ाव में साथ देना उनके रिश्ते की मजबूती बढ़ाता है.
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भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्तव्य पालन को श्रेष्ठ बताया है. वैवाहिक जीवन में भी यह बेहद अहम है. पति-पत्नी यदि अपने-अपने कर्तव्य का पालन पूर्ण समर्पण और ईमानदारी से करते हैं तो यह खुशहाल और स्थिर शादीशुदा जीवन की चाबी साबित होता है.
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भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में क्षमा और सहनशीलता को मजबूत रिश्तों का आधार बताया है. वैवाहिक जिंदगी में भी यदि पति-पत्नी आपसी गलतियों को क्षमा करने और सहनशीलता दिखाने का काम करते हैं तो उनका रिश्ता मजबूत होता है.
Short Title
कभी नहीं टूटेगी शादी, यदि कपल्स जान लें भगवद गीता में छिपी Happy Married Life Ti