डीएनए हिंदी : वाराणसी में मीरा बाई पर बेहद मानीखेज किताब लिखने वाले माधव हाड़ा को सम्मानित किया गया. माधव हाड़ा सुपरिचित आलोचक भी हैं. उन्हें को प्रो शुकदेव सिंह स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें प्रो शुकदेव सिंह की स्मृति में आयोजित एक बेहद शानदार सामारोह में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र में दिया गया. इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि अरुण कमल भी मौजूद थे.

 

भक्ति काव्य को पूरे जीवन का काव्य बताया कवि अरुण कमल ने

इस मनहर सामारोह में अपने विचार रखते हुए प्रसिद्ध कवि अरुण कमल ने कहा कि 'भक्ति काव्य सम्पूर्ण जीवन का काव्य है. उसमें भूख, दुःख, पीड़ा, संताप और उदासी के कई बिम्ब हैं. भक्ति काव्य सत्ता और समाज का मुखर प्रतिकार करता है तो जीवन के विकल्प भी सुझाता है.'

उन्होंने अपनी बात 'भक्ति काव्य क्यों पढ़ें?' विषय पर दिए हुए व्याख्यान में रखी. अरुण कमल ने आगे कहा कि कबीर, सूर, तुलसी और मीरा आदि के यहां जो शब्द आये हैं उन शब्दों को देखिए तो समय और समाज की सच्चाई दिखाई देगी. भक्ति कविता भाषा और कला के दृष्टि से उच्चतर कविता है. भक्ति कविता सिखाती है कि मनुष्य का सर मनुष्य के सम्मुख नहीं झुकता.

 

कबीर कभी भी जातीय मुद्दा नहीं रहे – माधव हाड़ा

समारोह में सुपरिचित आलोचक प्रो. माधव हाड़ा ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले दो तीन दशकों में जो औपनिवेशिक ज्ञान परंपरा हावी हुई है उसने भक्ति काव्य को समझने की देशज शैली को प्रभावित किया है. कबीर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी हमारे यहां जातीय मुद्दा नहीं रहे लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता ने उन्हें भी जाति के सवाल में खड़ा कर दिया. प्रो हाड़ा ने शुकदेव सिंह के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि परम्परा का मूल्यांकन करने में उन जैसे आचार्यों का योगदान हमेशा स्वीकार किया जाएगा.

बैंक़ॉक का सेक्स उद्योग और एक घुमक्कड़ की डायरी 

इससे पहले विषय की प्रस्तावना रखते हुए प्रो आशीष त्रिपाठी ने कहा कि पिछले तीन दशकों से भक्ति काव्य को अपने अपने सामाजिक-राजनीतिक एजेंडे के रूप में पढ़ने और उसे व्याख्यायित करने की परंपरा विकसित हुई है. इसलिए भक्तिकाव्य जिन प्रगतिशील मूल्यों और समानता के भावों पर बल दिया है उसे आज के दौर में बार-बार उद्धृत करने की ज़रूरत है.

Award to Madhav Hada

समारोह में स्वागत वक्तव्य प्रो मनोज सिंह ने दिया. आयोजन में प्रो हाड़ा द्वारा संपादित कालजयी कवि और उनका काव्य शृंखला की छह पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ. अमीर खुसरो,कबीर, रैदास, तुलसीदास, सूरदास और मीरा पर आई इन पुस्तकों को राजपाल एंड संज ने प्रकाशित किया है. इनके साथ हिंदी की प्रसिद्ध लघु पत्रिका बनास जन के ताजा 'मध्यकालीन आख्यान' विशेषांक लोकार्पण भी अतिथियों ने किया.  इस अवसर पर प्रो अवधेश प्रधान, प्रो बलिराज पांडेय, प्रो चंद्रकला त्रिपाठी, प्रो वशिष्ट नारायण त्रिपाठी, प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल, प्रो प्रभाकर सिंह आदि उपस्थित रहे.

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Writer Meera Vs Meera Madhav Hada conferred with Shukdev Singh Samman in Presence of Arun Kamal famous poet
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मीरा बाई पर ज़बर्दस्त किताब लिखने वाले आलोचक माधव हाड़ा को प्रो शुकदेव सिंह सम्मान
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मीरा बाई पर ज़बर्दस्त किताब लिखने वाले आलोचक माधव हाड़ा को प्रो शुकदेव सिंह सम्मान