डीएनए हिंदी: सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ बनी स्वेदशी वैक्सीन को लॉन्च कर दिया गया है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि यह वैक्सीन इस साल बाजार में आ जाएगी. वैक्सीन का नाम 'CERVAVAC' रखा गया है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस की वैक्सीन को बनाया है. लंबी रिसर्च के बाद इसे वैक्सीन को तैयार किया गया है. हालांकि अभी तक इसके एक फिक्स प्राइज सामने नहीं आए हैं. वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो वैक्सीन की कीमत कम ही रहेगी.
जानिए क्या होता है सर्वाइकल कैंसर
दरअसल, सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस एचपीवी की वजह से होता है. एचपीवी के 100 से ज्यादा तरीके होते हैं. ज्यादातर एचपीवी के 6,11,16 या 18 टाइम की वजह से होता है. सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर महिलाओं को ही होता है. देश में हर साल 80 हजार से महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की बीमारी का शिकार बन जाती है. सर्वाइकल कैंसर में जननांग में संक्रमण हो जाता है. हालांकि समय रहते इसका इलाज संभव है. हालांकि संक्रमण के ज्यादा फैलने पर मौत भी हो सकती है.
ड्रग्स कंट्रोलर और एनटीएजीआई ने दी मंजूरी
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई वैक्सीन सर्वाइकल की पहली वैक्सीन है. यह किसी भी उम्र की महिला पर असरदार साबित हो चुकी है. इसी के बाद ड्रग्स कंट्रोलर डीसीजीआई और एडवाइजरी कमेटी एनटीएजीआई ने इसे इस्तेमाल की मंजूरी दे रही है. इस वैक्सीन के ट्रायल लगभग पूरे हो चुके हैं. इसके नतीजे भी बहुत ही सही ओर असरकारक रहे हैं. देश में हुई एक स्टडी में सामने आया था कि एचपीवी वैक्सीन की एक ही डोज सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ 95 प्रतिशत तक असरदार है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया था इसकी दवाई आने पर यह 90 प्रतिशत तक क्योर हो जाएगा.
9 से 14 साल की लड़कियों को फ्री दी जाएगी वैक्सीन
सवाईकल के खिलाफ भारत में वैक्सीन लॉन्च हो चुकी है. यह इसी साल जून तक मार्केट में आ सकती है. वैक्सीन को केंद्र सरकार के टीकाकरण अभियान में भी शामिल किया गया है. इसी अभियान के तहत 9 से 14 साल की लड़कियों को वैक्सीन फ्री में दी जाएगी. स्कूलों में इसे लगाने की भी तैयारी.
मात्र 200 से 400 के बीच होगी कीमत
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लॉन्च हुई वैक्सीन की कीमत का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि संभावन जताई जा रही है कि इस वैक्सीन को बेहद सस्ता रखा जाएगा. इसकी कीमत 200 से 400 रुपये के बीच हो सकती है.
सर्वाइकल कैंसर के टीके की कितनी खुराक है?
एचपीवी टीकाकरण के रूप में प्रशासित किया जाता है: 9 से 14 वर्ष की आयु में टीकाकरण शुरू करने वाले अधिकांश व्यक्तियों के लिए दो-खुराक श्रृंखला (0, 6-12 महीने). 15 से 45 वर्ष की आयु में टीकाकरण शुरू करने वाले व्यक्तियों और प्रतिरक्षा में अक्षम व्यक्तियों के लिए तीन-खुराक श्रृंखला (0, 1-2, 6 महीने).
सर्वाइकल कैंसर का टीका कब लगता है?
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में पनपता है, गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा है. लेकिन राहत की बात ये है कि टीकाकरण कराकर इस वायरस को रोका जा सकता है. अगर 9-14 साल के बीच यौन संपर्क से पहले लड़कियों को टीका लगा दिया जाए तो इस टीके से सर्वाइकल कैंसर को रोकने में 99% कामयाबी मिल सकती है.
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है?
सर्वाइकल कैंसर के मामले मुख्य रूप से एचपीवी वायरस के संक्रमण के कारण होते हैं. यह एक यौन संचारित वायरस है. विशेषज्ञों का कहना है कि कई यौन साथी होने से इस प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी आपमें इस कैंसर के जोखिम को बढ़ा देती है.
सर्वाइकल के लिए कौन सा टेस्ट होता है?
पैप स्मीयर टेस्ट या पैट टेस्ट महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) की जांच के लिए किया जाता है. इस टेस्ट के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं से सैंपल निकाला जाता है. दरअसल गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय का ही एक संकुचित भाग होता है. यह महिलाओं के गुप्तांग (योनि) के ऊपर और गर्भाशय के अंत में होता है.
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