डीएनए हिंदी : रणवीर सिंह वाली 83 फिल्म देखते हुए बार-बार उस वक़्त इंग्लैंड का दौरा करने गई भारत की क्रिकेट टीम का ख़याल आ जाता है. टीम के पास उतने पैसे नहीं थे कि ठीक से शाकाहारी खाना खाया जा सके या फिर लांड्री का बिल दिया जा सके. यह लगभग 39 साल पुरानी बात है. भारत की पुरुष क्रिकेट टीम तब से अब तक एक पूरी यात्रा तय कर चुकी है और अब काफ़ी अमीर भी हो गई है, पर वीमेन टीम की हालत जस की तस है. कुछ दिनों पहले BCCI के पूर्व मुखिया विनोद राय ने कुछ हैरतअंगेज जानकारियां शेयर की. 

महिला क्रिकेटरों की जर्सी के लिए नहीं आता था अलग से कपड़ा 
विनोद राय का कहना है कि वे यह जानकर हैरान रह गए थे कि महिला क्रिकेटरों की जर्सी पुरुष क्रिकेटरों की जर्सी को काटकर बनाई जाती थी. यह जानकारी मिलने पर उन्होंने नाइकी को फोन किया और कहा कि महिला क्रिकेटरों की जर्सी का डिज़ाइन भी अलग होगा. 

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भूख की  वजह से छक्के मारे थे महिला क्रिकेटर ने 
2017 के वर्ल्ड कप में फाइनल खेलने वाली भारत की महिला क्रिकेट टीम को सेमीफाइनल से पहले पेट भर खाना मयस्सर नहीं हुआ था. उन्होंने समोसे खाए थे. मैच में लगातार छक्के मारने वाली हरमनप्रीत को जब बधाई देते हुए इसका राज़ पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भूख से उनके पेट में दर्द हो रहा था. दौड़ने से बचने के लिए उन्होंने छक्के मारे थे. 

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Indian women cricket team suffered a lot
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भारत की महिला क्रिकेटरों की जर्सी पुरुष खिलाड़ियों के बचे कपड़े से बनती थी 
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