डीएनए हिंदी: बीजिंग में आयोजित हो रहे विंटर ओलंपिक में भारत का सफर बिना पदक के खत्म हो चुका है. खेल प्रतियोगिता का औपचारिक समापन रविवार 20 फरवरी को हो रहा है. बड़े पैमाने पर वैश्विक बायकॉट की वजह से खेल प्रतियोगिता को लेकर दुनिया में कुछ खास हलचल नहीं रही है. चीन ने प्रतियोगिता के मंच का इस्तेमाल अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए किया जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना हुई है.
भारत का सफर पहले ही खत्म हो चुका है
बीजिंग विंटर ओलिंपिक खेलों में भाग ले रहे भारत के एकमात्र खिलाड़ी अल्पाइन स्कीयर आरिफ खान रेस पूरी नहीं कर पाए और बाहर हो चुके हैं. इन खेलों में देश के अभियान का निराशाजनक अंत हो चुका है. भारत ने पहले ही चीन की शर्मनाक हरकत के बाद विंटर ओलंपिक के कूटनयिक बहिष्कार का फैसला लिया था.
चीन ने ओलंपिक के शुरुआत में की थी शर्मनाक हरकत
चीन ने गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शामिल सैन्य कमांडर ची फबाओ को मेगा स्पोर्टिंग इवेंट के मशाल वाहक के रूप में सम्मानित किया था. इसके बाद भारत ने ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी के बहिष्कार का फैसला किया था. डीडी स्पोर्ट्स पर भी इस इवेंट के प्रसारण पर रोक लगा दिया गया था. चीन के इस कदम की दुनिया भर में आलोचना की गई थी.
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मानवाधिकार मुद्दे पर कई देशों ने किया बहिष्कार
विंटर ओलंपिक की शुरुआत से पहले ही अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने खेल प्रतियोगिता के कूटनयिक बहिष्कार का फैसला किया था. कश्मीर में उइगर मुसलमानों पर ज्यादती और मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर इन देशों ने ये फैसला लिया था.
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