डीएनए हिंदी: पानी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है. यह हमारे शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है. हमारे शरीर के सिस्टम के सही चलने में पानी का बड़ा रोल होता है. आयुर्वेद की प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली में बताया गया है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के कई फायदे होते हैं लेकिन ये तभी मिलते हैं, जब कुछ बातों का ध्यान रखा जाए. कम पानी पीने वालों को धीरे-धीरे सेहत से जुड़ीं समस्याएं होने लगती हैं वहीं गलत तरीके से पानी पीने से सबसे पहले डाइजेशन पर असर पड़ता है.
कम पानी पीने से बिगड़ता है डाइजेशन
पोषक तत्वों के फायदा पाने के लिए खाने का सही डाइजेशन बहुत जरूरी है. जब आप खाना शुरू करने से पहले ज्यादा पानी पीते हैं या खाने के बीच में पीते हैं, तो इससे डाइजेशन खराब हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से पेट में खाने की स्थिति पर सीधा असर पड़ता है. पानी शीतल तत्व माना जाता है और पेट में अग्नि यानी ताप होता है. खाने के समय पानी अग्नि को शांत कर सकता है. इस दौरान नियमित रूप से पानी पीने से मोटापा भी बढ़ सकता है.
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पानी पीते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
-सबसे पहले तो एक बार में एक गिलास पानी कभी न पिएं. इसे धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं.
-खाना खाने से ठीक पहले या बाद में कभी भी पानी न पिएं. यह गैस्ट्रिक जूस को पतला कर सकता है, जिससे आपके सिस्टम के लिए भोजन से पोषक तत्वों को पचाना मुश्किल हो जाता है.
-अगर आपको तेज प्यास लगी है, तो खाने से 30 मिनट पहले पानी पिएं या भोजन के 30 मिनट बाद तक इंतजार करें.
-खाना खाते वक्त अगर आपको प्यास लगती है, तो 1-2 घूंट पानी लें.
-भोजन के सही डाइजेशन के लिए गर्म पानी पिएं. एक गिलास ठंडे पानी की तुलना में गर्म पानी अधिक हाइड्रेटिंग होता है.
खड़े होकर पानी क्यों नहीं पीना चाहिए
ज्यादातर लोग चलते-फिरते खड़े होकर पानी पी लेते हैं लेकिन ये सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है. जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो यह आपके शरीर के सिस्टम से बहुत तेजी से गुजरता है जिससे फेफड़ों और दिल के फंक्शन में मुश्किल हो सकती है. इससे ऑक्सीजन लेवल भी डिस्टर्ब होता है और हमें पानी से जररी न्यूट्रिएंट और विटामिन नहीं मिलते.
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