डीएनए हिंदी: विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से अटकलें और विवाद खत्म नहीं हो रहे हैं. अब टेलीग्राफ अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कप्तानी छोड़ने से पहले शनिवार (15 जनवरी) को उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव दोनों से फोन पर भारतीय समय के मुताबिक दिन में करीब डेढ़ बजे बात की थी. उनके फैसले पर दोनों में से किसी ने न तो कोई हैरानगी जताई और न ही उन्हें मनाने-समझाने की कोशिश ही की गई थी. एक औपचारिक सूचना के लिए किए गए फोन कॉल से उस वक्त तक टेस्ट कप्तान कोहली को पूर्व कप्तान बनने के लिए स्पष्ट संकेत जरूर मिल गए होंगे.
गांगुली-शाह से की थी बात, दोनों ने ही नहीं रोका
बता दें कि सारे विवाद की शुरुआत इससे हुई कि बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरभ गांगुली ने कहा था कि टी-20 कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए उन्होंने खुद विराट कोहली से आग्रह किया था. बाद में कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें अचानक वनडे कप्तानी से हटा दिया गया और टी-20 कप्तानी छोड़ने से उन्हें किसी ने नहीं रोका था. इसके बाद से स्पष्ट था कि बोर्ड और कोहली के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. टेस्ट कप्तानी छोड़ने से पहले जब उन्होंने फोन पर बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव से बात की तो इस बार उन्हें रोकने-मनाने की कोई कोशिश नहीं की गई थी. जाहिर है कि कोहली के प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुए बवाल के बाद से तल्खियां दोनों तरफ ही बढ़ी हुई हैं.
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कोहली और बोर्ड के बीच तनाव अब भी है
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट है कि कोहली के टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने से कम से कम बोर्ड बिल्कुल भी हैरान नहीं है. कोहली को कप्तानी छोड़ने से रोकने की कोई कोई कोशिश नहीं करना, यह संकेत भी है कि बोर्ड के लिए भी वह पसंदीदा नहीं रहे थे. भले ही इस वक्त फैंस और समर्थक सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से भिड़े हुए हैं और आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. यह तो पूरी तरह से तय है कि कोहली और बोर्ड के बीच तनाव और कम्युनिकेशन गैप जरूर है.
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नई परिस्थितियों में असहज हैं कोहली?
अगर मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों की मानें तो कोहली ड्रेसिंग रूम की नई परिस्थितियों में असहज हैं. केपटाउन टेस्ट में विराट कोहली की फील्ड पर बॉडी लैंग्वेज और साथी खिलाड़ियों से बर्ताव भी सामान्य नहीं लग रहा था. कहीं न कहीं वह सारे विवाद से प्रभावित हुए हैं और इसका असर उन पर दिख रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि टी-20 की कप्तानी छोड़ने और वनडे कप्तानी से हटाए जाने से कोहली असहज हैं. इसके अलावा, कोच भी अब उनके चहेते रवि शास्त्री नहीं बल्कि क्रिकेट की दुनिया में बेहद लॉजिकल कोच माने जाने वाले राहुल द्रविड़ हैं. रोहित शर्मा को कप्तान बनाया जाना, बोर्ड अधिकारियों, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली से तनाव जैसी कुछ बातें भी हैं जिनसे कोहली घिरे हैं और इन परिस्थितियों में असहज भी है. शायद यही वजह है कि उन्होंने सोचा होगा कि तनाव और अतिरिक्त जिम्मेदारियों को पीछे छोड़कर अपने खेल पर ध्यान लगाना चाहिए. बदली हुई परिस्थितियों में उन्होंने कप्तानी से दूर रहना ही अपने लिए बेहतर विकल्प समझा होगा.
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