डीएनए हिंदी: श्रीलंका के खिलाफ मोहाली टेस्ट में पारी घोषित करने के फैसले को लेकर विवाद जारी है. इस पूरे विवाद पर अब रवींद्र जडेजा ने ही ब्रेक लगा दिया है. उन्होंने कहा कि पारी घोषित करने के फैसले में उनकी पूरी सहमति थी. उन्होंने यह भी कहा कि पिच पर वैरिएबल बाउंस मिलने की जानकारी उन्होंने ही दी थी.
'मैंने दिया था पारी घोषित करने का सुझाव'
आज के मैच में जडेजा के पास दोहरा शतक जड़ने का मौका था. पारी घोषित किए जाने पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा को ही निशाने पर ले लिया. इस पूरे विवाद पर ऑलराउंडर ने कहा कि वह जानते थे कि यह पारी घोषित करने का आदर्श समय था. इससे प्रतिद्वंद्वी टीम को मुश्किल परिस्थितियों में एक सत्र खिलाने का मौका मिल सकता था. जडेजा ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘मैंने उन्हें बताया कि पिच पर ‘वैरिएबल बाउंस’ है और गेंद ने भी टर्न करना शुरू कर दिया है. मैंने एक संदेश भेजा कि पिच से कुछ मदद हासिल की जा सकती है. मेरा यह सुझाव भी था कि हमें अब उन्हें बल्लेबाजी के लिए उतारना चाहिए.’
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लोगों ने याद दिलाई मुल्तान टेस्ट की
आज जडेजा जब 175 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे तब रोहित शर्मा ने पारी घोषित कर दी थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर विवाद शुरू हो गया है. लोगों ने रोहित के साथ ही कोच राहुल द्रविड़ को भी निशाने पर लिया कि उन्होंने जडेजा को दोहरा शतक पूरा नहीं करने दिया है. इसे मुल्तान में सचिन तेंदुलकर के 194 रन से जोड़कर भी देखा जा रहा है. बता दें कि उस टेस्ट में द्रविड़ ने कप्तान रहते हुए पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान पारी घोषित कर दी थी.
'थके होने की वजह से टीम को मिलता फायदा'
पारी घोषित करने के फैसले को सही बताते हुए उन्होंने कहा, ‘वे पहले ही 2 दिन में 5 सत्र तक फील्डिंग करके थक चुके थे. श्रीलंकाई बल्लबाजों के लिए आते ही बड़े शॉट खेलना और लंबे समय तक बल्लेबाजी करते रहना आसान नहीं था. हमारी योजना पारी जल्द घोषित करने और प्रतिद्वंद्वी टीम के बल्लेबाजों की थकान का फायदा उठाने की थी.'
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