डीएनए हिंदीः हाल ही में एक शोध (Research) सामने आया है जिसमें पानी को हृदय रोग से बचाने के लिए फायदेमंद बताया गया है. यूरोपियन हार्ट जर्नल नाम से प्रकाशित इस शोध में इस बात का उल्लेख किया गया है. हार्ट फेल्यॉर (Heart failure) एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल काम करना बंद कर देता है. ऐसी स्थिति तब विकसित होती है जब हृदय शरीर की जरूरतों के लिए पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता है.
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प्रमुख शोधकर्ता नतालिया दिमित्रीवा ने बताया कि हार्ट फेल्यॉर के कारण 6.2 मिलियन से अधिक अमेरिकी प्रभावित हैं जो आबादी के 2 प्रतिशत से अधिक है. यह समस्या 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वयस्कों के बीच आम मानी जाती है. नमक का कम सेवन करने से, पर्याप्त पानी पीने और हाइड्रेटेड रहने से दिल के दीर्घकालिक जोखिमों को कम किया जा सकता है.
प्रीक्लिनिकल शोध करने के बाद डिहाईड्रेशन और कार्डियक फाइब्रोसिस के बीच संबंध सामने आया था. वहीं दिल की मांसपेशियों का सख्त होना बड़े पैमाने पर जनसंख्या अध्ययन में सामने आया है. शोध के लिए 45-66 आयु वर्ग के 15,000 से अधिक वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया गया था जिन्होंने 1987 और 1989 के बीच एथेरोस्क्लेरोसिस रिस्क इन कम्युनिटीज (एआरआईसी) अध्ययन में अपनी जानकारी साझा की थी.
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शोध के लिए लोगों को चुनते हुए वैज्ञानिकों ने उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जिनके शरीर में पानी का स्तर सामान्य से कम था. विश्लेषण में लगभग 11,814 वयस्कों को शामिल किया गया था जिसमें से 1,366 लोगों को उम्र के एक पड़ाव के बाद हार्ट फेल्यॉर का सामना करना पड़ा था. हालांकि शोध में यह भी सामने आया है कि अच्छी मात्रा में पानी पीकर हृदय के परिवर्तनों को रोकने या धीमा करने में मदद मिलती है. ऐसे में हार्ट फेल्यॉर की समस्या से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए.
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