डीएनए हिन्दी : चीन ने सिविल अफेयर्स मंत्रालय ने हाल में एक नया नक्शा ज़ारी किया जिसमें भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश के पन्द्रह इलाकों के नाम बदले हुए थे. ये सभी जगह चीन के आधिकारिक नक़्शे में शामिल थे. इसे चीन के द्वारा अपनी सीमा से जुड़े इलाक़ों पर दखल देने से जुड़ा हुआ मामला माना जा रहा हैं. जैसे ही चीन ने इन नये नामों की लिस्ट ज़ारी की, भारत की ओर से कड़ा प्रतिरोध सामने आया.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हमेशा अभिन्न हिस्सा था और रहेगा. चीन के द्वारा इन्हें कोई भी नाम दिया जाना, इस सच्चाई को नहीं बदल सकता है.
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे जोड़ा कि, ‘हम यह देखते आ रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा किया है. 2017 में भी उन्होंने ऐसा ही कुछ किया था.’
उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का हमेशा अभिन्न हिस्सा था और रहेगा. चीन के द्वारा इन्हें कोई भी नाम दिया जाना, इस सच्चाई को नहीं बदल सकता है. ‘
Zangnan है अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम
चीनी सरकार द्वारा चलाये जा रहे ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दर्ज किया गया है कि इन इलाक़ों का नाम रखा जाना चीनी कैबिनेट द्वारा इशू किये गये भौगोलिक नामों की नियमावली के अनुसार है. नाम बदले गये इन जगहों में आठ रिहायशी इलाके हैं, दो नदियाँ हैं, एक पर्वतीय दर्रा है, और चार पहाड़ हैं.
2017 में चीन से छः जगहों का नाम अपने हिसाब से बदला था. चीन के अनुसार अरुणाचल दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है. ग्लोबल टाइम्स की रपट के मुताबिक़ यह घोषणा चीन के उस नेशनल सर्वे का हिस्सा है जो सदियों पुरानी जगहों के बारे में जानकारियाँ इकट्ठी कर रहा है.
लद्दाख स्टैंड ऑफ़ से जुड़ते हैं तार
पिछले साल मई में लद्दाख में हुए भारत-चीन संघर्ष के बाद भारत ने अरुणाचल प्रदेश से जुड़ी अपनी चीनी सीमाओं पर भी तैयारियां बढ़ा दी थी. उसके बाद अक्टूबर में ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट मनोज पाण्डेय ने का था कि ‘चीन ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में LAC (लाइन ऑफ़ एक्चुअल कण्ट्रोल) के आस-पास सैनिक आवाजाही और एक्सरसाइज बढ़ा दी है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि भारत किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए तैयार है. ‘
तनातनी अब भी दोनों ओर बनी हुई है और उसी दरमियान चीन के द्वारा यह नाम बदला गया है.
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