डीएनए हिंदी: 1983 वर्ल्ड कप में भारत की जीत पर बनी '83' फिल्म 24 दिसंबर को रिलीज होगी. इस फिल्म के आते ही क्रिकेट फैंस में 1983 वर्ल्ड कप की यादें ताजा हो गई हैं. ये वही टीम थी, जिसे वर्ल्ड कप से पहले अंडरडॉग माना जा रहा था लेकिन भारतीय टीम ने जिस तरह से प्रदर्शन किया, वो इतिहास बन गया.
भारतीय टीम ने एक अहम मैच जिम्बाव्वे के खिलाफ खेला. 20वें मुकाबले में भारत के सात विकेट महज 77 रन पर आउट हो गए थे. इसके बाद कपिल देव की 175 और विकेटकीपर सैयद किरमानी की 56 गेंदों में 24 रन की नाबाद पारी ने भारत को 266 रनों के स्कोर तक पहुंचाया. जिम्बाव्वे ये मुकाबला 31 रन से हार गई थी.
अब इस मैच के बारे में सैयद किरमानी ने उस दिन का जिक्र किया है. किरमानी ने कहा, यह 60 ओवर का खेल था और हमारी पारी में अभी भी 35 ओवर बाकी थे. मैंने कपिल से कहा, 'सुनो केप्स, हम करो या मरो की स्थिति में हैं. हम बैठ कर मर नहीं सकते.
अब बड़ी पारी खेलने का वक्त है. मैंने कपिल को यह कहते हुए प्रेरित करने की कोशिश की कि आप भारतीय टीम में सर्वश्रेष्ठ हिटर हैं. मैं सिंगल लूंगा और आपको स्ट्राइक दूंगा. आप हर डिलीवरी को हिट करने की कोशिश करें. कपिल ने इस पर कहा, 'किरी भाई, हमें 35 ओवर खेलना है, मैं पूरी कोशिश करूंगा.
इसके बाद जो हुआ वह इतिहास हिस्सा बन गया. हालांकि कप्तान शीर्ष क्रम की खराब बल्लेबाजी पर काफी नाराज हुए. किरमानी ने याद किया कि कैसे कप्तान की पहली टीम बैठक निर्णायक थी. हमारे पहले मैच की पूर्व संध्या पर एक टीम मीटिंग थी, जहां कपिल ने कहा, 'सुनो! आप सभी सात सीनियर हैं, आपको मेरे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है. आपको मेरा मार्गदर्शन करना होगा. यह एक बड़ा बयान था जिसने टीम को झकझोर दिया.
किरमानी ने कहा, जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा, हमने एक टीम के रूप में सुधार किया. हालांकि हमारे पास कोई सहायक कर्मचारी नहीं था, कभी-कभी कोई टीम बस भी नहीं. बेशक, हमारे पास थोड़ी किस्मत थी लेकिन किस्मत तभी आपकी मदद करती है जब आप अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं.
दिलीप वेंगसरकर ने फाइनल के बाद के जश्न के बारे में बताया. प्रशंसक आए और होटल की लॉबी में जुट गए. वे ढोल बजा रहे थे. हमने भांगड़ा बीट्स पर डांस किया.
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