डीएनए हिंदी: सोचिए पहले बल्लेबाजी करने वाली उस टीम पर कितना दबाव होता होगा जिसके 5 विकेट महज 17 रन पर आउट हो जाएं. वर्ल्ड कप जैसे बड़े मुकाबले में जब दो ओपनर सिर्फ 15 गेंद खेलें और बिना रन बनाए ही पवेलियन लौट जाएं.

टॉप ऑर्डर का कोई भी बल्लेबाज रन बनाने में नाकाम रहे तो सोचिए टीम का मनोबल कितना गिर जाता होगा लेकिन हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं और भारतीय टीम का वो बाजीगर था- कपिल देव. जी हां, वही कपिल देव जिसने वर्ल्ड कप के इस मैच में नाबाद 175 रन ठोक क्रिकेट की दुनिया में नई सनसनी पैदा कर दी. 

​1983 वर्ल्ड कप पर फिल्म '83' के ट्रेलर में आप एक सीन देखेंगे जिसमें टीम के साथी रणवीर सिंह को कहते नजर आते हैं - 4 विकेट्स डाउन कैप्टन! इसके बाद कप्तान खुद बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो धूम मचा देते हैं. आज हम आपको उस ऐतिहासिक मैच का पूरा वाकया बताते हैं.

1983 वर्ल्ड कप का ये 20वां मैच था. शुरुआती 4 में से दो मैच जीतकर दो में हार का सामना कर चुकी टीम इंडिया के लिए जिम्बाव्वे के खिलाफ ये महत्वपूर्ण मुकाबला था. पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया के ओपनर सुनील गावस्कर और के. श्रीकांत बिना कोई रन बनाए ही पवेलियन लौट गए.

उनके बाद बल्लेबाजी करने आए मोहिंदर अमरनाथ 5, संदीप पाटिल 1 और यशपाल शर्मा 9 रन बनाकर चलते बने. भारत के 5 विकेट महज 17 रन पर गिर चुके थे. इसके बाद खुद कप्तान कपिल देव मैदान पर आए. ​कपिल देव ने रोजर बिन्नी के साथ साझेदारी जमाने की कोशिश की लेकिन बिन्नी महज 22 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. बिन्नी के बाद रवि शास्त्री महज 1 रन ही बना सके और भारतीय टीम के 7 विकेट 78 रन पर आउट हो गए.

अब भारत को 100 रन का आंकड़ा भी मुश्किल लगने लगा. मदनलाल आठवें विकेट के रूप में खेलने आए. कपिल इससे पहले कि मदन पर भरोसा जताते, वे भी 17 रन बनाकर आउट हो गए.

भारतीय बल्लेबाजी क्रम के शर्मनाक प्रदर्शन से टूट चुके कपिल ने अब अकेले ही मोर्चा संभाला. 10वें नंबर के बल्लेबाज विकेटकीपर सैयद किरमानी से मानो कपिल ने कह दिया हो- बस क्रीज पर टिके रहना!

इधर, किरमानी टिकने लगे तो कपिल आत्मविश्वास से लबरेज हो गए. दे दनादन चौके-छक्के ठोक कपिल देव जिम्बाव्वे के गेंदबाजों को धुएं में उड़ा दिया. एक के बाद एक चौके-छक्के ठोक रहे कपिल देव को रोकना नामुमकिन हो चला. कपिल ने 16 चौके और 6 छक्के ठोक जिम्बाव्वे के गेंदबाजों को पसीने से तर कर दिया.

भारतीय टीम पर पूरी तरह हावी हो चुके केविन करन और पीटर रॉसन जैसे गेंदबाजों को कपिल ने खूब धोया. कपिल इस मैच में नाबाद 175 रन रन ठोक सबसे बड़ी पारी खेलने वाले क्रिकेटरों में से एक बन गए. दूसरे छोर पर खड़े रहे सैयद किरमानी ने कुल 56 गेंदें खेलीं और 24 रन बनाए. दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर 60 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 266 रन बनाए.

लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाव्वे की टीम को मदन लाल, रोजर बिन्नी, ब​लविंदर संधू, मोहिंदर अमरनाथ और कपिल देव की गेंदबाजी ने घुटनों पर ला दिया और पूरी टीम 235 रन पर आउट हो गई. भारतीय टीम इस मुकाबले को 31 रन से जीत गई.
कपिल देव का ये रिकॉर्ड दशकों तक बना रहा.

कपिल देव ने इस मैच के बारे में एक इंटव्यू बताया कि जब टीम इंडिया बल्लेबाजी करने उतरी तब वे नहाने गए थे, लेकिन जब तक उन्होंने साबुन लगाया, तब तक टीम के 5 विकेट गिर चुके थे. ऐसे में कपिल हड़बड़ाहट में क्रीज पर पहुंचे और आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की. हालांकि कपिल देव की इस पारी की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं हो सकी, क्योंकि उस वक्त इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के प्रसारणकर्ता बीबीसी की हड़ताल थी.

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1983 World Cup: 5 wickets fell for 17 runs, then Kapil Dev made a splash like this
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1983 World Cup: जब कपिल देव ने मचाई थी धूम
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