जब भी कोई व्यक्ति हमेशा एक्टिव रहता है और उसे कुछ भी खाने-पीने में दिक्कत नहीं होती तो अक्सर लोग कहते हैं- तुम्हारा मेटाबॉलिज्म काफी अच्छा है. कभी ना कभी किसी न किसी से आपने भी यह शब्द जरूर सुना होगा. मगर क्या आप जानते हैं कि इस शब्द का सेहत से क्या कनेक्शन है और आखिर होता क्या है मेटाबॉलिज्म?
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सरल भाषा में समझें भोजन का ऊर्जा में परिवर्तित होना मेटाबॉलिज्म कहलाता है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब हम कुछ खाते हैं तो उससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है. इस ऊर्जा का इस्तेमाल हमारा शरीर चयापचय क्रिया के लिए करता है. यह चयापचय क्रिया यानी खाए गए भोजन से जुड़े मिनरल, प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल करना ही मेटाबॉलिज्म कहलाता है.
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आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म जितना अच्छा होगा, आप उतना ही एक्टिव रहेंगे. जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता उन्हें कई तरह की समस्याएं होती हैं. जैसे खाना ना पचना, वजन बढ़ना, डिप्रेशन, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द इत्यादि. मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है तो फैट शरीर में इक्ट्ठा नहीं होता. इससे खाना शरीर को पूरी तरह फायदा पहुंचाता है और मोटापा भी नहीं बढ़ता. यानी अच्छे मेटाबॉलिज्म का सीधा कनेक्शन आपके वेट लॉस से है.
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मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपने खानपान और जीवनशैली में कुछ बदलाव करना जरूरी है. सबसे पहले तो अच्छी नींद ना लें. कसरत और व्यायाम जरूर करें. सुस्त जीवनशैली को छोड़ें और सक्रिय रहने की कोशिश करें. इसके अलावा भोजन में हरी साग-सब्जियां और दालें जरूर शामिल करें. इससे मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने में काफी मदद मिलती है.
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प्रोटीनयुक्त आहार भी मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार होते हैं. दूध, पनीर और अन्य डेयरी प्रॉडक्ट के साथ-साथ अंडा, चिकन, फिश, सीफूड और मीट मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं. प्रोटीन युक्त आहार को अपने रूटीन में जरूर शामिल करें.
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ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालते हैं. इसके अलावा विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे संतरा और आंवला का सेवन भी जरूर करें.