डीएनए हिंदी:
टी-20 के बाद वनडे में भी विराट कोहली की कप्तानी छिनना तय है. विराट कोहली की कप्तानी के निराशाजनक आंकड़े, विवाद और उनका अपना प्रदर्शन भी इसके लिए जिम्मेदार है. जानें, कोहली की कप्तानी गंवानी की ऐसी ही वजहें.
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विराट कोहली धोनी के बाद बतौर कप्तान निर्विवाद विकल्प थे. जिस वक्त विराट को कप्तानी सौंपी गई थी, उस वक्त खुद उनका फ़ॉर्म भी बेहतरीन था. धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद माना जा रहा था कि रिकॉर्डतोड़ कोहली बतौर कप्तान भी टीम को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे. हालांकि, ऐसा कुछ पिछले लगभग 6 साल में देखने को नहीं मिला. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ICC का कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत सकी. चैंपियंस ट्रॉफी, वर्ल्ड कप और फिर हालिया टी-20 वर्ल्ड कप में हार ने उनकी कप्तानी पर बड़े सवालिया निशान छोड़ दिए.
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कप्तानी के अतिरिक्त दबाव ने खुद विराट के बल्ले पर भी मानो ग्रहण लगा दिया है. 2019 के बाद से उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला है. पिछले कुछ मैच में कोहली के आउट होने का तरीका भी सवालों के घेरे में रहा है. माना जा रहा है कि उनके प्रदर्शन को देखकर टीम मैनेजमेंट और बोर्ड उनका दबाव कम करना चाहता है.
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विराट कोहली की सफलता के साथ ही विवाद भी चलते रहे हैं. मैदान पर उनका आक्रामक व्यवहार हमेशा रहा, लेकिन पहले इसे अपरिपक्व मानकर चलता कर दिया जाता था. विराट कोहली के साथ विवादों की शुरुआत कोच अनिल कुंबले से उनके मतभेदों से शुरू हुई। हालांकि, उस वक्त मैनेजमेंट ने कोहली को तरज़ीह दी और उनकी पसंद का कोच रवि शास्त्री बनाया गया. विवाद यहीं नहीं थमे. सूत्रों के हवाले से बताया जाता है कि कोहली के व्यवहार की शिकायत टीम के सीनियर खिलाड़ियों, जैसे कि आर. अश्विन, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने की थी. लगातार खराब होते ड्रेसिंग रूम और आपसी तनाव को देखकर मैनेजमेंट के बढ़ते दबाव के बाद कोहली ने खुद ही टी-20 की कप्तानी छोड़ दी. हालांकि, अभी की खबरों को देखकर लग रहा है कि बोर्ड और चयनकर्ता पर अब सख्ती के मूड में हैं.
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पिछले कुछ सालों में रोहित शर्मा ने टी-20 में बतौर कप्तान अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. 34 साल के हो चले रोहित की कप्तानी में आईपीएल में मुंबई इंडियंस ने कुल 5 ख़िताब अपने नाम किए हैं. इसके अलावा, रोहित का बल्ला भी खूब चला है. टीम इंडिया के लिए अगला लक्ष्य 2023 का वर्ल्ड कप है. ऐसे में, मैनेजमेंट भविष्य को ध्यान में रखकर फ़ैसला लेना चाहती है. बोर्ड का पक्ष है कि कप्तानी के दबाव से कोहली अगर दूर रहें, तो शायद बतौर बल्लेबाज वह विराट उपलब्धियां हासिल कर सकेंगे.
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बतौर कप्तान कोहली की अब तक बतौर कोच रवि शास्त्री के साथ खूब जमी. हालांकि, विराट पर सख्ती का ही असर है कि बोर्ड ने कोच शास्त्री की छुट्टी कर कमान टीम इंडिया के सर्वाधिक भरोसेमंद खिलाड़ी रहे राहुल द्रविड़ को कमान सौंप दी. क्रिकेट के जानकारों और द्रविड़ की कोचिंग से वाकिफ़ लोगों का भी मानना है कि उनकी शैली के साथ कप्तान के तौर पर विराट मिसफ़िट हैं.