शातिर ठग Sukesh Chandrasekhar के 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जैकलीन फर्नांडीस भी जांच के घेरे में हैं. क्या होता है Money Laundering और क्यों Jacqueline Fernandez तक पहुंची जांच, जानें इस मामले के बारे में सब कुछ यहां.
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Money Laundering गलत तरीके से बनाए पैसे को वैध स्रोतों से दिखाने का तरीका है. मनी लॉन्ड्रिंग के शाब्दिक अर्थ को समझें तो लॉन्ड्रिंग का मतलब हुआ गंदी चीज की सफाई. ठीक यही बात बड़ी मात्रा में गलत ढंग से कमाए पैसे को वैध स्रोतों के जरिए दिखाने की कोशिश पर लागू होती है.
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मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया तीन स्टेप में होती है: प्लेसमेंट, लेयरिंग और इंटीग्रेशन. प्लेसमेंट अवैध धन को वैध तरीके से कमाई दिखाना है. लेयरिंग अलग-अलग तरीकों से हुई लेनदेन की कड़ी में अवैध धन कहां से आया, उसे छुपाना होता है. तीसरी और अंतिम प्रक्रिया है इंटिग्रेशन, जिसमें अवैध पैसे को सफेद बनाकर वैध खातों से निकाला जाता है.
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मनी लॉन्ड्रिंग केस में फिलहाल Jacqueline Fernandez पर मुख्य आरोपी सुकेश से फोन पर संपर्क में रहना, महंगे गिफ्ट लेना और इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को नहीं देना है.
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वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग भारतीय कानून के तहत अपराध है. इस अपराध के लिए सजा और जुर्माना दोनों है. आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट भी बनाया गया है.
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200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैकलीन फर्नांडीस तक जांच महंगे तोहफों की वजह से पहुंची. जैकलीन और सुकेश की कुछ वायरल तस्वीरें भी जांच एजेंसियों को मिली हैं. तोहफों में 9 लाख की बिल्ली, 50 लाख का घोड़ा वगैरह शामिल है. जांच एजेंसियों का दावा है कि इन तोहफों की कुल कीमत 10 करोड़ के करीब है.
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जांच एजेंसियों को ऐसे सुराग मिले हैं जिससे लगता है कि सुकेश ने उगाही से हासिल की बहुत बड़ी रकम जैकलीन को ट्रांसफर की. ED को यह भी आशंका थी कि जांच तेज होती देख जैकलीन देश छोड़कर भाग सकती हैं. इसलिए, मुंबई एयरपोर्ट ने लुकआउट नोटिस जारी किया.