चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद अगला चरण शुरू हो गया है. अगले चरण में लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर आ चुका है. 14 दिनों तक काम करने वाला ये रोवर अब चांद की सतह पर घूम रहा है और इसने अपना काम शुरू कर दिया है. दरअसल लैंडर के अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर ने बाहर निकलकर अपना पहला कदम चांद की धरती पर रखा. इस कदम के साथ ही चांद की मिट्टी पर भारत का राजकीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ छप गया. बता दें कि चांद पर रिसर्च वर्क करने के लिए भेजे गए प्रज्ञान रोवर को वहां की जमीन पर भारत की मौजूदगी दिखाने के लिए भी डिजाइन किया गया है. रोवर के छह पहिये हैं, जो चांद की धरती का डाटा प्रोवाइड कराने के लिए डिजाइन किया गया है. इन्हीं पहियों में सबसे पीछे वाले पहियों पर भारत का राजकीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ और ISRO का LOGO गुदा हुआ है. इसके चलते प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर जहां भी घूमेगा, वहीं पर पीछे-पीछे ये निशान भी धरती पर बनते चले जाएंगे. चांद पर हवाएं नहीं चलती हैं. इसके चलते ये निशान मिटने की संभावना नहीं है यानी भारत की मौजूदगी हमेशा के लिए वहां छपकर रह जाएगी.
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2408_rover_ojha_web
Language
Hindi
Section Hindi
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00:01:01
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What did the Ashoka Pillar and ISRO, Pragyan Rover do when it appeared on the moon?
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