डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) ने राज्य के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. सरकार ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य के सभी जिलाधिकारियों को सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों को 10 सितंबर तक इसकी रिपोर्ट सौंपनी होगी. सर्वेक्षण टीम में एसडीएम, बीएसए और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे.
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति और शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी.
UP government has issued instructions to all the district magistrates to conduct a survey of unrecognized madrassas by September 10. The survey team will include SDM, BSA, and district minority officers. (31.08)
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 31, 2022
यूपी में कुल मदरसों की संख्या 16,461
हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी? तो राज्य मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करना है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे चल रहे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है. प्रदेश में पिछले 6 साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है.
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अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित होने की दशा में मदरसे के प्रिंसिपल और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे. इससे पहले प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अंसारी ने बताया कि अब सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रार्थना पत्र पर संबंधित मदरसे के प्रबंधकों की सहमति और राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार के अनुमोदन से उनका स्थानांतरण किया जा सकेगा.
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टीचरों को मिलेगी Child Care Leave
उन्होंने बताया कि अब मदरसों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को माध्यमिक शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के अनुसार अवकाश और चाइल्ड केयर लीव भी मिलेगी. इस बीच टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महासचिव दीवान साहब जमां ने राज्य सरकार के इन फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मदरसा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को फायदा होगा.
(PTI इनपुट के साथ)
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यूपी के मदरसों का सर्वेक्षण कराएगी योगी सरकार, जानिए क्यों लिया गया ये फैसला