डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की छापेमारी के विरोध में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने  शुक्रवार को पुणे में जिला कलेक्टर के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कथित रूप से पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी के मामले में दर्ज प्राथमिकी में देशद्रोह की धारा जोड़े जाने संबंधी बयान से पलटते हुए पुणे पुलिस ने रविवार की शाम कहा कि ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया गया है.

इससे पहले बंडगार्डन पुलिस थाने के वरिष्ठ इंस्पेक्टर प्रताप मानकर ने कहा था FIR में भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 120 बी (आपराधिक साजिश), 124 ए (देशद्रोह की सजा), 153 ए और बी (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) जोड़ी गई है. मानकर ने बताया था कि हमने पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की थी. हमने मामले में कुछ और धाराएं जोड़ी हैं और आगे की जांच जारी है. लेकिन पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल (जोन-दो) बाद में यह स्पष्ट किया कि यह आरोप नहीं लगाया गया है. 

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पाटिल ने बाद में कहा, ‘हमने धारा 124 ए नहीं जोड़ी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि यह धारा नहीं लगायी जा सकती है क्योंकि इससे संबंधित मामला पहले से अदालत में विचाराधीन है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कि एक ‘उपयुक्त’ सरकारी मंच इसकी फिर से जांच नहीं कर लेता और केंद्र एवं राज्यों को अपराध का हवाला देते हुए कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया था.

PFI के 40 कार्यकर्ता गिरफ्तार
पुलिस ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में गैर कानूनी तरीके से जमा होने के आरोप में 60-70 संदिग्ध पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था.  सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कथित तौर पर दिखाया गया था कि ‘‘पाकिस्तान जिंदाबाद’’ का नारा उस समय दो बार लगाया गया था जब आंदोलनकारी पीएफआई कार्यकर्ताओं को एक पुलिस की गाड़ी में डाला जा रहा था. संगठन पर हाल ही में देशभर में हुई छापेमारी और उसके कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया.

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फडणवीस ने दिया देशद्रोह लगाने का निर्देश
वहीं, इस मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के पुलिस आयुक्त को देशद्रोह का आरोप लगाने का निर्देश दिया था. उन्होंने पुणे में कहा, ‘हम ऐसे नारों का समर्थन नहीं करेंगे. भारत विरोधी नारेबाजी न तो राज्य में और न ही देश में बर्दाश्त की जाएगी. मैंने पुणे पुलिस आयुक्त को मामले में देशद्रोह की धारा लगाने का निर्देश दिया है. देशभर में PFI पर हुई छापेमारी के दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक में 20-20, तमिलनाडु में 10, असम में 9, उत्तर प्रदेश में 8, आंध्र प्रदेश में 5, मध्यप्रदेश में 4, पुडुचेरी और दिल्ली में तीन-तीन जबकि राजस्थान में दो लोग गिरफ्तार किए गए थे.

(भाषा इनपुट के साथ)

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PFI Protest Pune Police refusing to add section of sedition in FIR
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PFI Protest: पुणे पुलिस का यूटर्न, FIR में देशद्रोह की धारा जोड़ने से किया इंकार
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PFI कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
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