West Bengal News: कहते हैं कि जिंदगी का संघर्ष जो अनुभव सिखाता है, वो सबसे अहम होता है. यह अहम अनुभव यदि वो शख्स फिर दूसरों को बांटता है तो यह ज्ञान बन जाता है, जो उसके जैसे दूसरे लोगों को वैसे ही संघर्ष से बचाने में काम आता है. इसी सोच के साथ जॉयदीप दत्ता (Joydeep Dutta) ने गांवों के बेरोजगार युवाओं और किसानों के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू की है. जॉयदीप दत्ता ने पश्चिम बंगाल के छोटे से गांव माणबाजार से निकलकर खुद को डिजिटल मार्केटिंग और ब्रांडिंग की दुनिया का अहम नाम बनाया है, लेकिन इससे पहले वे 50 से ज्यादा बार रिजेक्ट हुए और उनका बिजनेस भी डूबा. इसके बावजूद उन्होंने संघर्ष करके खुद को खड़ा किया और अब इसी संघर्ष से मिले अनुभव को ग्रामीण युवाओं तक पहुंचाना उन्होंने अपना मिशन बना लिया है, जिसके तहत वे उन युवाओं को मुफ्त में फ्रीलांसिंग, डिजिटल स्किल्स और सेल्फ-इम्प्लॉयमेंट के जरिए अपनी कमाई के नए रास्ते खोलना सिखा रहे हैं.
खुद संघर्ष किया, अब दूसरों को बचा रहे उससे
जॉयदीप दत्ता ने छोटे से गांव से निकलकर MCA की डिग्री हासिल की. इसके बावजूद नौकरी नहीं मिली और उन्हें 50 से ज्यादा कंपनियों में इंटरव्यू फेल होने का सामना करना पड़ा. फिर बिजनेस करने उतरे तो वो भी लॉकडाउन में ठप हो गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फ्रीलांसिंग से फिर से खुद को खड़ा कर लिया. अब उनका सपना है कि भारत के छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले युवा, किसान परिवारों के बच्चे, और बेरोजगार युवा फ्रीलांसिंग से आत्मनिर्भर बन सकें.
युवाओं को देते हैं 'स्किल सीखो, खुद के बॉस बनो' का मंत्र
जॉयदीप युवाओं को 'स्किल सीखो, खुद के बॉस बनो' का मंत्र देते हैं. उनका कहना है कि आज सिर्फ डिग्री से नौकरी नहीं मिलती. यदि आप स्किल सीखोगे तो खुद के बॉस बन सकते हो. मैंने बिना नौकरी के भी लाखों रुपये कमाए और अब करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर दिया. यही चीज मैं दूसरे युवाओं को भी सिखा रहा हूं.
PM मोदी के आत्मनिर्भर भारत और स्किल इंडिया से मिली प्रेरणा
जॉयदीप को यह मिशन शुरू करने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और स्किल इंडिया अभियान से मिली है. वो कहते हैं कि अगर हमारे देश के युवा स्किल सीख लें, तो किसी को नौकरी मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वो खुद दूसरों को नौकरी देंगे. वे अपने प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को जो फ्रीलांसिंग स्किल्स सिखा रहे हैं, उनमें डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, वीडियो एडिटिंग, वेबसाइट डेवलपमेंट, सोशल मीडिया ब्रांडिंग, इन्फ्लुएंसर मैनेजमेंट और E-commerce बिजनेस के गुर शामिल हैं.
सही समय पर गाइडेंस मिले, तो सफल हो सकते हैं युवा
जॉयदीप दत्ता का का मकसद है कि कोई भी बेरोजगार न रहे, हर कोई आत्मनिर्भर बने. उनका कहना है कि अगर उन्हें भी सही समय पर कोई गाइड करने वाला होता, तो वो बहुत पहले सफल हो सकते थे. अब वो खुद वो गाइड बनना चाहते हैं, जो भारत के युवाओं को सफलता की राह दिखाए. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जो संघर्ष मैंने किया, वो अब किसी और को न करना पड़े. अगर कोई सीखने को तैयार है, तो मैं उसे फ्री में सिखाने को तैयार हूं.
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मिलिए उस युवा से, जिसने शुरू किया है गांव के बेरोजगारों को Self-Employed बनाने का मिशन