डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (kuno National Park) में छोड़े गए 8 चीतों को बड़े बाड़े यानी बोमा में शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है. लेकिन उससे पहले विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीतों (Cheetahs) को बड़े बाड़े में भेजने से पहले उनकी सुरक्षा से जुड़े मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए. क्योंकि चीता प्रोजेक्ट में शामिल कोर टीम की तैयारियों में कुछ खामी नजर आ रही हैं.
दरअसल, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डीन वाईवी झाला के छुट्टियों पर जाने की सूचना है. वाईवी झाला ने ही इस परियोजना में अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति इस प्रोजेक्ट पर असर डाल सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े बाड़े में शिफ्टिंग के दौरान झाला का होना बेहद अहम है. क्योंकि उन्होंने ही इस मिशन के सफल होने में अहम भूमिका निभाई थी.
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17 अक्टूबर को शिफ्ट किए जाएंगे चीते
जानकारी के मुताबिक, चीतों को 17 अक्टूबर को बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा. जिससे वे नए वातारण में बेहतर तरीके से ढल सकें और शिकार शुरू करने के लिए अपना आधार मजबूत बना सकें. शिफ्टिंग में मध्य प्रदेश वन विभाग की मदद करने के लिए चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) अपने एक्सपर्ट्स भेजेगा. ऐसे वक्त में चीतों की हर एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए फॉरेस्ट गार्ड के विश्राम गृह (रेस्ट हाउस) का बेहतर नेटवर्क भी जरूरी होगा.
चीतों की निगरानी के लिए 9 सदस्यीय टीम का गठन
वहीं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाए जाने की निगरानी के लिए 9 सदस्यीय टीम का गठन किया है. पिछले महीने अपने मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कार्यबल तय करेगा कि लोग राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को कब देख सकते हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) चीता कार्य बल के कामकाज को सुविधाजनक बनाएगा और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा. 2 साल की अवधि के लिए गठित कार्यबल नियमित रूप से चीतों के क्षेत्र का दौरा करने के लिए एक उपसमिति बना सकता है.
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इसके सदस्यों में मध्य प्रदेश के वन एवं वन्यजीव विभाग के पांच वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिनमें एनटीसीए के महानिरीक्षक अमित मलिक और भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक विष्णु प्रिया शामिल हैं. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों के पहले समूह को 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के 70 साल बाद देश में इनकी वापसी हुई थी.
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kuno National Park: चीतों को शिफ्ट करने की तैयारी, एक्सपर्ट्स ने बताया बड़ा खतरा