डीएनए हिंदी: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के राजधानी कॉलेज के प्रचार्य राजेश गिरि ने राष्ट्रीय संग्रहालय राजघाट में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर कहा है कि इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं और बेहद अहम व्यक्तित्वों से संग्रहालय हमारी पीढ़ी को अवगत कराता है. यह इतिहास का घर होता है. दुनियाभर में हर देश और समाज में म्यूजियम वहां के अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करता है.
गांधी के विचारों की जीवंत करता संग्रहालय
प्रोफेसर राजेश गिरि ने कहा कि ज्ञान के विविध अनुशासनों का भी अपना-अपना म्यूजियम होता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इस संग्रहालय में आने वाला हर व्यक्ति यहां से कुछ न कुछ लेकर जाता है और लेकर जाने का मतलब भौतिक वस्तु से नहीं है , बल्कि उसके मन और मस्तिष्क में कुछ बदलाव होता है.
दरअसल यहां 'संग्रहालयों की शक्ति' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में सत्यवती महाविद्यालय मिरांडा हाउस, त्रिनिटी कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. प्रो गिरि ने आगे कहा कि हमारा महाविद्यालय गांधीजी के मूल्यों को व्यवहार में ला रहा है. हमारे छात्र-छात्राएं पर्यावरण बचाने के काम में लगे हुए हैं. जहां तक, संग्रहालय की शक्ति, विषय की बात है तो असली संग्रहालय तो हमारे माता-पिता होते हैं जो हमारे अंदर अच्छे संस्कार डालते हैं.
इतिहास को संजोने में हैं इनकी अहम भूमिका
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए संग्रहालय के निदेशक श्री ए. अन्नामलाई ने कहा कि संग्रहालय विरासत, परंपरा ,और इतिहास को संजो कर रखते हैं और हमें इस इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कार्य करने की जिम्मेदारी को निभाना है. हमें आज की पीढ़ी को किसी भी ऐतिहासिक इमारत या संग्रहालय इस तरह से दिखाना है कि वे उसे सही तरीके से देखकर परिभाषित करें.
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर आशीष रंजन ने कहा कि किसी भी ऐतिहासिक इमारत का अध्ययन करने से इतिहास का पता चलता है. वह इमारत किसने बनाई, क्यों बनाई, उसका क्या डिजाइन रहा, निर्माण का भूगोल क्या था, यह सब हमें देखने की जरूरत होती है. उन्होंने आगे कहा कि यह इमारतें बनाने में भी भेदभाव दिखाई देता है, स्त्रियों के लिए इमारतें कम ही बनाई गई हैं.
उन्होंने कहा कि अगर हम ढंग से देखें तो प्रत्येक चीज इतिहास है और आप उस इतिहास से अलग नहीं हो सकते. इस मौके पर राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की गवर्निंग बॉडी की सदस्य सुकन्या भरतराम जो कि महात्मा गांधी की परपोती हैं, उन्होंने श्रोताओं से कहा कि वह एक डायरी बना लें और उसमें अपनी प्रत्येक गतिविधि लिखा करें. यही डायरी कुछ वर्षों बाद इतिहास बन जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि आप चीजों को संग्रह करने का शौक पैदा करें.
नए-नए तथ्यों के लिए अहम है संग्रहालय
इतिहास और संग्रहालय की महत्वता को लेकर डॉक्टर शीशराम शर्मा ने स्थानीय इतिहास नामक विषय पर बातचीत करते हुए कहा कि हमें इसे नए संदर्भ में देखने की जरूरत है. इस इतिहास से नई चीजें और नए-नए तथ्यों का पता चलता है. वहां के भूगोल, संस्कृति, परंपरा, विश्वास भी इसमें शामिल हैं.
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इसके अलावा इतिहास की अहमियत को लेकर सत्यवती महाविद्यालय के प्रधानाचार्य और प्रोफेसर निर्मल जिंदल ने कहा कि संग्रहालय और शैक्षणिक संस्थाओं में एक गहरा रिश्ता है जिसे गांधीजी के मूल्यों ने आपस में जोड़ा है. इस मौके पर प्रो. निर्मल जिंदल और श्री ए. अन्नामलाई ने छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट वितरित किए.
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International Museum Day: इतिहास के तथ्यों को संजो कर रखता है म्यूजियम, जीवंत हैं गांधी के विचार