डीएनए हिंदी: Latest News in Hindi- भारतीय ज्ञान प्राचीनतम और बेहद समृद्ध विरासत वाला है. वेस्टर्न नॉलेज सिस्टम के सापेक्ष भारतीय ज्ञान का इतिहास बेहद वृहद है. यह बताते हुए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) की अध्यक्ष प्रोफेसर सरोज शर्मा ने गुरुवार को Indian Knowledge System की समृद्ध विरासत की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वेस्टर्न नॉलेज सिस्टम जहां पिछली कुछ शताब्दियों में ही अहम तरक्की हासिल कर पाया है, वहीं इसके अनेक निष्कर्षों का जिक्र भारतीय प्राचीन ज्ञानमीमांसा में बहुत पहले ही कर दिया गया था.
शिक्षा के सैद्धांतिक पहलू पर की गई बात
नोएडा स्थित NIOS हेडक्वार्टर में एक्सपर्ट्स ने समग्र शिक्षा के लिए पंचकोश के सैद्धांतिक और व्यवहारिक पहलू विषय पर बात शुरू की है. दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन प्रोफेसर सरोज शर्मा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान के साथ समानताएं दर्शाते हुए डार्विनवाद, लैमार्कवाद, नव डार्विनवाद और नव-लैमार्कवाद के विकास पर चर्चा की. उन्होंने शिक्षा में 'हेड, हार्ट, एंड हैंड' के महत्व पर जोर देते हुए यह बताया कि कैसे पश्चिमी शैक्षणिक प्रथाएं प्राचीन भारतीय ज्ञान मीमांसा के साथ संरेखित होती हैं.
शिक्षकों और अभिभावकों की समझ को सशक्त बनाने की कोशिश
एनआईओएस द्वारा विद्याक्षेत्र संस्थान और ऋषिहुड विश्वविद्यालय के सहयोग से यह दो दिवसीय कार्यशाला शिक्षकों और अभिभावकों को पंचकोशों प्रणाली की गहन समझ के साथ सशक्त बनाने एवं शिक्षार्थियों में समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई है. कायर्शाला पंचकोशों के सार पर प्रकाश डालेगी और मानव विकास के मार्गदर्शन के लिए उनके महत्व को उजागर करेगी. इस दौरान प्रतिभागी प्रत्येक कोष की अनूठी विकासात्मक आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. वेदांत के पंचकोश-अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय कोश, आनंदमय कोश को समझने के लिए यह एक मंच प्रदान करेगी.
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भारतीय ज्ञानियों ने पहले ही बता दिए थे वेस्टर्न नॉलेज सिस्टम में अब सामने आ रहे निष्कर्ष