डीएनए हिंदी: भारतीय कल्चर में आपको हर तरफ हस्तकला (Indian Handicraft) का टच देखने को मिल जाएगा. खासतौर पर कपड़े की कारीगरी में पुरातन काल से भारत का नाम वैश्विक स्तर पर चर्चा का सबब रहा है. सात समुंदर पार तक भारतीय कपड़ों के कारोबार का उल्लेख बहुत सारे ऐतिहासिक दस्तावेजों में पढ़ने को मिलता रहा है. हाथ से बने कपड़ों के निर्माण की भारतीय प्राचीन परंपरा न केवल हस्तकला कारीगरों की आय का मेनसोर्स है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का बड़ा स्रोत भी है. इस प्राचीन परंपरा को आधुनिक वक्त की मांग से मेल कराकर इसका मार्केट पोटेंशियल बढ़ाने की कवाद में जुटा है वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम (World Designing Forum), जो बहुत सारे फैशन डिजाइनर्स का विशाल समुदाय है. अब यह फोरम हस्तकला कारीगरों को नामी डिजाइनरों के साथ एक मंच पर अपनी कला पेश करने का मौका दे रहा है वर्ल्ड डिजाइनर कॉन्क्लेव में, जो आगामी 1 जुलाई को आयोजित किया जाएगा. 

बड़े चेहरे दिखाई देंगे कॉन्क्लेव में

वर्ल्ड डिजाइनर कॉन्क्लेव में वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम द्वारा देश के प्रतिष्ठित 200 फैशन डिजाइनर के साथ 30 से अधिक प्रकार के हस्तनिर्मित कपड़े और 100 से ज्यादा बुनकर को फैशन डिजाइनिंग में भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए इनवाइट किया गया है. इनके साथ कॉन्क्लेव में देश के प्रतिष्ठित फैशन डिजाइनर रीना ढाका, रुमा देवी, अमित त्यागी, निवेदिता बासु, पारुल चावला, सब्यसाची सत्यपथी, शांति प्रिया और मिस दीवा यूनिवर्स नेहल चुडासमा जैसे बॉलीवुड के चर्चित चेहरे भी दिखाई देंगे, जो हस्तनिर्मित कपड़ों के लिए बहुत बड़ा सपोर्ट साबित होगा.

खादी को नहीं दी गई है कॉन्क्लेव में जगह

देश के सबसे बड़े फैशन डिजाइनर कॉन्क्लेव में खादी को जगह नहीं दी गई है. इसके लिए फोरम के सीईओ अंकुश अनामी ने कहा कि खादी ने पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से अविश्वसनीय स्थान ऊंचाई छुई है. खादी का मार्केट टर्नओवर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे में उसके बजाय अब समय है कि वोकल फॉर लोकल के तहत देश की अन्य हस्तनिर्मित कपड़ा कारीगरी और तकनीकी को फैशन से जोड़ा जाए. अनामी के मुताबिक, देश में हस्तनिर्मित कपड़ों के बहुत सारे रूप हैं, जिन्हें मौजूदा समय में युवाओं ने तकनीक से जोड़कर नए परिवर्तन भी किए हैं. इनमें बायो डिग्रेबल लैदर, केले के प्लांट, हेम्प, बांस, पाइनएप्पल  के फाइबर से बुनकरों द्वारा कपड़ों का निर्माण हो रहा है. अब समय है भारत की इस कुशलता को सही मार्गदर्शन देने का.

ताज महोत्सव में दिखी थी हस्तकला की झलक

वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम देश के 20,000 से अधिक फैशन डिजाइनरों की सदस्यता वाला समूह है. हस्तकला कारीगरो की कला को सही मुकाम दिलाने और उन्हें अच्छे दाम दिलाने की दिशा में फोरम बेहद अहम भूमिका निभा रहा है. इसी साल फरवरी में फोरम के जरिए ताज महोत्सव में कच्छ, गुजरात और रेजा के हस्तनिर्मित कपड़ों का भव्य सांस्कृतिक फैशन शो आयोजन किया गया था, जिसमे देश  भर से 150 से अधिक फैशन डिजाइनर ने भाग लिया था.

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Indian handicraft art will be main focus in World Designing Conclave famous fashion designers also take part
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भारतीय हस्तकला कारीगरी को वर्ल्ड डिजाइनर कॉन्क्लेव में मिलेगा मुकाम, नामी फैशन ड
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World Designing Conclave में कई नामी फैशन डिजाइनर शामिल होंगे.
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World Designing Conclave में कई नामी फैशन डिजाइनर शामिल होंगे.

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भारतीय हस्तकला कारीगरी को वर्ल्ड डिजाइनर कॉन्क्लेव में मिलेगा मुकाम, नामी फैशन डिजाइनर्स भी बनेंगे हिस्सा