डीएनए हिंदीः शाहीन बाग (Shaheen Bagh) मामले में सीपीआईएम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने को कहा है. कोर्ट ने इस मामले में फटकार लगाते हुए यह भी पूछा कि आम लोगों को अगर तकलीफ है तो राजनीतिक दल कोर्ट क्यों आया है? पीड़ितों ने कोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया?
बता दें कि दक्षिण दिल्ली के अवैध निर्माण के खिलाफ जो कार्रवाई MCD कर रही है, उसको रोकने के लिए भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPI-M) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसी मामले में दोपहर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था. वहीं यह भी कहा गया कि अगर रेहड़ी वाले भी नियम तोड़ रहे होंगे तो उनको भी हटाया जाएगा.
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भारी हंगामे के बाद रुकी कार्रवाई
इससे पहले साउथ MCD ने शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. अतिरिक्त फोर्स के साथ इलाके में पहुंची एमसीडी की टीम को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. लोग बुलडोजर के सामने बैठ गए. इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं. मौके पर भारी संख्या में पुलिस के साथ सीआरपीएफ के जवान भी तैनात हैं. दूसरी तरफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है.
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अतिक्रमण हटाने पर 8 मई तक लगी थी रोक
पहले फोर्स की कमी के कारण MCD ने इस पर ब्रेक लगाया था. पुलिस सुरक्षा न मिलने के कारण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर 8 मई तक रोक लगाई थी. दिल्ली पुलिस का कहना था कि एमसीडी को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए फोर्स नहीं दी जा सकती. हालांकि अब पुलिस फोर्स मिलने के बाद शाहीन बाग में भी MCD की टीम बुलडोजर लेकर पहुंची थी.
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Bulldozer in Shaheen Bagh: शाहीन बाग मामले में CPI-M को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार