हाल के कुछ दिनों ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की गतिविधियों ने सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा किया है. बीजेपी (BJP) ने नीतीश कुमार को सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाया, नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में राबड़ी देवी के घर गए, तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) से बंद कमरे में मुलाकात की और अब जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला ली है. ऐसे में सुगबुगाहट बढ़ गई है कि अब नीतीश कुमार जल्द ही कोई फैसला लेने वाले हैं.
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बिहार में लगातार चर्चा है कि नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों एक-दूसरे के साथ सहज नहीं हैं. भले ही बीजेपी के दो डिप्टी सीएम हों, लेकिन सरकार नीतीश कुमार अपनी ही मर्जी से चलाते हैं. खबर है कि नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को कहा है कि वह अगले तीन दिन तक पटना से बाहर न जाएं. ऐसे में सत्ता परिवर्तन की खबरों को और भी बल मिलने लगा है. दूसरी तरफ, नीतीश कुमार के राजनीतिक लचीलेपन को देखकर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वह एक बार फिर से पलटी नहीं मारेंगे.
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रमजान के महीने में सबसे हैरान करने वाली खबर तब आई जब नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी में शामिल होने राबड़ी देवी के घर पहुंच गए. बीजेपी के साथ-साथ राजनीतिक पंडितों के लिए यह सब हैरान कर देने वाला था. यहां उन्होंने तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की. इसी के साथ चर्चा शुरू हो गई कि कुछ तो ज़रूर पक रहा है जिससे बीजेपी भी टेंशन में आ गई है.
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बिहार में जातिगत जनगणना का मुद्दा बड़ा बनता जा रहा है. पहले सर्वदलीय डेलीगेट लेकर प्रधानमंत्री से मिलने गए तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार भी गए थे. फिर इसी मुद्दे पर नीतीश और तेजस्वी यादव की बंद कमरे में मुलाकात भी हुई. अब नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला ली है. इसी वजह से कहा जा रहा है कि बिहार में जातिगत जनगणना का मुद्दा एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है.
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नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज हैं या बीजेपी नीतीश कुमार से नाराज है यह तय नहीं है, लेकिन सबकुछ सामने दिख रहा है. बिहार में पिछले कुछ सरकारी आयोजनों में बीजेपी के मंत्री शामिल हुए, केंद्रीय मंत्री आए लेकिन नीतीश कुमार को बुलावा तक नहीं भेजा गया, जबकि सामान्य प्रोटोकॉल के हिसाब से राज्य के सीएम को जरूर बुलाया जाता है चाहे वह विपक्ष का ही क्यों न हो. यहां तो नीतीश कुमार गठबंधन के ही मुख्यमंत्री हैं.
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बिहार कैबिटने की आखिरी बैठक 29 अप्रैल हुई थी. 25 दिन हो गए, सरकार ने अब तक कोई बैठक नहीं की है. कहा जा रहा है कि बीजेपी-जेडीयू की दूरियां इतनी बढ़ गई हैं कि अब दोनों का साथ बैठना भी संभव नजर नहीं आ रहा है. इसी वजह से और सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश सरकार के दिन पूरे हो गए हैं और दूसरा ही कोई रास्ता तलाशा जा रहा है?
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सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है. जेडीयू के सभी विधायक अगले 72 घंटे तक राजधानी पटना में ही रहेंगे. वहीं, नीतीश कुमार खुद नालंदा के दौरे पर हैं. ठीक इसी तरह साल 2017 में जब नीतीश कुमार को आरजेडी के साथ महागठबंधन से अलग होना था तो वह राजगीर चले गए थे. वापस लौटे तो गठबंधन तोड़ लिया था.
Short Title
25 दिन से नहीं हुई कैबिनेट मीटिंग, क्या फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार?