डीएनए हिन्दी: आर्टिकल 370 और 35ए के हटने के बाद कश्मीर की आबोहवा बदलने लगी है. इस साल (2022 में) अब तक 1.62 करोड़ सैलानी जम्मू एवं कश्मीर (Tourism in Jammu and Kashmir) आ चुके हैं. जम्मू और कश्मीर के पर्यटन विभाग का दावा है कि आजादी के बाद किसी एक साल में आने वाले सैलानियों की यह सबसे बड़ी संख्या है. ध्यान रहे एक दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में करीब 240 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है. इन परियोजनाओं की लागत करीब 2,000 करोड़ रुपये बताया जा रहा है.
पिछले 3 दशक से घाटी में लोग आतंक के साये में जीने को मजबूर थे. लेकिन, अब फिजा बदल गई है. कश्मीर घाटी लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कश्मीर के 'स्वर्ण युग' की वापसी है.
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ध्यान रहे कि घाटी में आर्टिकल 370 को हटाने का भारी विरोध हुआ था. कुछ लोग और पार्टियां यह दावा कर रही थीं कि घाटी में इससे कत्लेआम मच जाएगा. लेकिन, हुआ इसके उलट. जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या इस केंद्र शासित प्रदेश में हो रहे बदलाव की गवाही दे रही है.
प्रदेश के पर्यटन विभाग ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में पर्यटन रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है. इस साल की शुरुआत से अब तक 1.62 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं. आजादी के 75 सालों में यह संख्या सबसे ज्यादा है. इन पर्यटकों की वजह से प्रदेश में लाखों की संख्या में रोजगार पैदा हुआ. पुंछ, रजौरी, कश्मीर घाटी और जम्मू में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा हुए.
ध्यान रहे कि कश्मीर के लोग सालों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मांग कर रहे थे. घाटी के लोगों के इस सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों पूरा किया. उन्होंने श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी उड़ान शुरू की. इससे पहले श्रीनगर और जम्मू से भी रात में कोई फ्लाइट नहीं होती थी लेकिन प्रधानमंत्री की कोशिशों से दोनों जगहों से अब रात में उड़ानें भी शुरू हो गई हैं.
घाटी में आतंकवाद का दौर शुरू होने से पहले फिल्मों की शूटिंग का बड़ा सेंटर हुआ करता था कश्मीर. दशकों बाद एक बार फिर घाटी में फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए आकर्षित करने को एक व्यापक फिल्म नीति शुरू की गई है. इसकी अधिसूचना के एक साल के भीतर ही 140 वेबसीरीज और फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुमति जारी की गई है. बताया जा रहा है कि जल्द ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस फिल्म स्टूडियो भी यहां बनाया जाएगा. इससे जम्मू-कश्मीर के युवा प्रतिभाओं को नया अवसर मिलेगा. इससे प्रदेश के व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा.
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य मॉडल पर भी काम किया जा रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जम्मू-कश्मीर में 75 ऑफबीट पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है.
सैलानियों की वजह से इस साल श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों के सभी होटलों, गेस्टहाउस में भीड़ देखने को मिली.
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दिखने लगा 370, 35A के हटने का असर, बदलने लगी कश्मीर घाटी की फिजा!