डीएनए हिन्दी: बिहार (Bihar) के बेगूसराय (Begusarai) में एक ऐसा गांव है जहां आजादी की लड़ाई में शहीद हुए महापुरुषों की भी पूजा होती है. बेगूसराय के सदर अनुमंडल के परना गांव में देवी-देवताओं के साथ स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए महापुरुषों की भी पूजा होती है.
दरअसल जिला मुख्यालय से सिर्फ 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सदर अनुमंडल क्षेत्र का परना गांव बेगूसराय और आसपास के जिलों में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वजह सिर्फ यह कि यहां के बच्चे, बूढ़े, युवा और महिला सुबह-सवेरे उठकर एक तरफ जहां शिवभक्ति में तल्लीन एवं आदि शक्ति दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं तो वहीं साथ में मंदिर परिसर में ही स्थित महापुरुषों की पूजा आरती भी पूरी श्रद्धा भाव से करते हैं.
गांव के लोगों का कहना है कि हम उनकी पूजा-अर्चना करते हैं जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर देश को आजाद करने में अहम भूमिका निभाई. हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनके त्याग और बलिदान को अगली पीढ़ी से परिचित कराएं.
यह भी पढ़ें, राजधानी दिल्ली में कैसा था जश्न-ए-आजादी का पहला दिन, जानें विस्तार से
मंदिर में शिव ज्योति झा बतौर पुजारी हैं. वह प्रतिदिन सुबह-शाम इन देवी-देवताओं के साथ-साथ इस गांव के वीर शहीदों की भी पूजा करते हैं. यह परंपरा पिछले 35 सालों से चली आ रही है.
यह भी पढ़ें, मोदी नगर के इसी बरगद के पेड़ पर 100 क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने दी थी फांसी
ग्रामिणों का कहना है कि इन महापुरुषों की पूजा में सिर्फ गांव वाले शरीक होते हैं ऐसा नहीं बल्कि इसके लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. दूसरे गांव के लोग भी महापुरुषों की पूजा में शरीक होते हैं. यही नहीं मंदिर प्रांगण में इन महापुरुषों की वीरगाथा नई पीढ़ी को सुनाई भी जाती है. गांव वालों का कहना है कि धीरे-धीरे यह मंदिर तीर्थस्थल के रूप में प्रचलित हो गया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
बिहार में एक ऐसा मंदिर जहां देवताओं के साथ होती है शहीदों की भी पूजा!