डीएनए हिन्दी: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में बिहार की नई महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार (Nitish Kumar Cabinet Expansion) किया गया. प्रदेश के राज्यपाल फागू चौहान ने नए मंत्रियों को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई. भले ही इस सरकार के मुखिया जेडीयू के नीतीश कुमार हैं लेकिन में सबसे ज्यादा आरजेडी के कोटे वाले मंत्रियों ने शपथ ली. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार ने इस मंत्रिमंडल में सामाजिक न्याय का पूरा ख्याल रखा. सियासी पंडितों का मानना है कि यह नीतीश का यह मंत्रिमंडल 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तैयार किया गया है. हर उस जाति को महत्व दिया गया है जो बिहार की राजनीति में दबदबा रखती है. आइए इसको हम विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं. 

पटना के राजभवन में नीतीश कुमार की नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह कुल 52 मिनट चला. राज्यपाल फागू चौहान ने एक साथ 5-5 मंत्रियों को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई. मंगलवार को कुल 31 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें 16 मंत्री आरजेडी के, जेडीयू के 11, कांग्रेस से 2, हम से 1 और 1 निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली.

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नीतीश के इस मंत्रिमंडल में पिछड़ा और अतिपिछड़ा का खासा ध्यान रखा गया है. कुल 12 मंत्री पिछड़ा वर्ग से हैं. वहीं, अतिपिछड़ा समाज से 3 लोगों को मंत्री बनाया गया है. इन दोनों को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 15 के आसपास है. यानी हम कह सकते हैं मंत्रिमंडल में आधी हिस्सेदारी पिछड़ों को दी गई है. ध्यान रहे कि बिहार में पिछड़ा वोट बेहद अहम है. अगर महागठबंधन इसे पूरी तरह अपनी ओर करने में सफल रहता है तो 2024 में बीजेपी को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. ध्यान रहे कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पिछड़े समाज से आते हैं.

पिछड़ों में सबसे ज्यादा 8 यादव समाज से मंत्री बनाए गए हैं. इसमें राजद से 7 और जेडीयू से 1 मंत्री बने हैं. वहीं नीतीश कुमार के कोर वोट माने जाने वाले कुर्मी और कुशवाहा समाज से 3 मंत्री बने हैं. मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों को भी महत्व दिया गया है. 

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बिहार में बीजेपी के कोर वोट सवर्ण समाज को भी नीतीश ने पूरा महत्व दिया है. इस समाज से 6 मंत्री बनाए गए हैं. वहीं दलित वोटों को रिझाने में भी नीतीश कमजोर नहीं रहे हैं. उन्होंने दलित समाज से 6 मंत्री बनाए हैं. इस मंत्रिमंडल में हर प्रमुख जाति को प्रतिनिधित्व मिले इसका पूरा ध्यान रखा गया है. हर प्रमुख जाति को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया गया है. 

बताया जा रहा है कि महागठबंधन बिहार में सिर्फ सरकार नहीं चलाना चाहती वह किसी भी कीमत पर 2024 बीजेपी को सत्ता से बाहर करना चाहती है. आइए समझते हैं किस समाज से कौन-कौन मंत्री बने हैं.

पिछड़ा: तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव, ललित यादव, प्रो. चंद्रशेखर, जितेंद्र कुमार राय, बिजेंद्र यादव, आलोक मेहता, श्रवण कुमार, जयंत राज और समीर कुमार महासेठ.

अतिपिछड़ा: अनिता देवी, मदन सहनी और शीला मंडल.

दलित: सुरेंद्र राम, कुमार सर्वजीत, अशोक चौधरी, सुनील कुमार, मुरारी गौतम और संतोष कुमार सुमन.

अल्पसंख्यक: इसराइल मंसूरी, शमीम अहमद, शहनवाज आलम, जमा खान और अफाक आलम.

सवर्ण: सुधाकर सिंह, लेसी सिंह, सुमित सिंह, विजय चौधरी, कार्तिक सिंह और संजय कुमार झा.

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2024 में मोदी को मात देने के लिए नीतीश ने मंत्रिमंडल की यूं की है 'सोशल इंजीनियर
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2024 में मोदी को मात देने के लिए नीतीश ने मंत्रिमंडल की यूं की है 'सोशल इंजीनियरिंग'