डीएनए हिंदी: मध्यप्रदेश के इंदौर की एक 24 वर्षीय अंडरकवर कॉप मात्र 3 महीने एक ब्लाइंड रैगिंग केस (Blind Ragging Case) को खोल दिया. उनका इस केस को खोलने की स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. सोशल मीडिया पर इस लेडी कॉप की जमकर चर्चा हो रही है. एमपी पुलिस कांस्टेबल शालिनी चौहान ने बताया कि कैसे उन्होंने मेडिकल कॉलेज (Medical Collage) में स्टूडेंट बनकर अपने पूरे आॅपरेशन को अंजाम दिया और आरोपियों को खोज निकाला. 

शालिनी ने बताया कि 5 महीने पूर्व 24 जुलाई को पुलिस को कॉलेज में रैगिंग की शिकायत मिली थी, लेकिन इसमें न तो पुलिस के पास पूरे सबूत थे और न ही कोई ऐसा क्लू कि जिसे ट्रेक कर सारे मामले को खोला जा सके. इसी वजह से पुलिस ने इस पूरे ब्लाइंड केस रैगिंग केस को खोलने के लिए पुलिस कांस्टेबल शालिनी चौहान को मेडिकल स्टूडेंट बनाकर कॉलेज भेज दिया. शालिनी कॉलेज तो पहुंच गई, अब उन्हें यहां होने वाली गतीविधियों में आरोपियों को पहचाना था. 

क्लास से ज्यादा कैंटीन में बिताया समय

शालिनी चौहान ने बताया था कि इस केस पर उन्होंने कॉलेज पहुंचने से पहले अधिकारियों संग स्टडी की थी. इसमें कुछ सीनियर छात्रों को चिन्हित किया था. इन छात्रों पर सबसे ज्यादा नजर रखनी थी. इसके लिए मैं कॉलेज में दिन का पांच से छह घंटे का समय कैंटीन में बिताती थी. यहां बैठे दूसरे स्टूडेंट, स्टाफ और कर्मचारियों से बातचीत कर घुलती मिलती थी. यहां मैंने सीनियर और जूनियर छात्रों व्यवहार नोटिस करना शुरू किया. खासकर उनका सीनियर छात्रों पर हमें शक था और अधिकारियों ने उन पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए थे. 

कुछ फ्रेशर और पुराने छात्रों को किया गाइड

शालिनी ने बताया कि वह पूरे मिशन में अपने अधिकारियों के टच में बनी हुई थी. वह पल पल की रिपोर्ट उन्हें देती थी. इस बीच ही अधिकारियों ने उन्हें कुछ बच्चों को सही दिशा और उनके रवैये को सही करने सलाह देने के लिए भी कहा, मैंने ऐसे ही किया. पहले छात्रों से दोस्ती बनाई और फिर उन्हें समझाया. इसमें सफलता भी मिली.

पहचान कर तैयार की रिपोर्ट 

उन्होंने बताया कि इस बीच कई सीनियर छात्र मिले, जिनका बर्ताव बहुत ही आक्रामक और खराब था. इनमें कई पर रैगिंग के थे. रिपोर्ट तैयार कर 10 सीनियर छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने इन आरोपी छात्रों की पहचान कर कोर्ट में चालान पेश किया. इनमें उज्जवल पांडे, रौनक पाटीदार, प्रभात सिंह, क्रप्रांशु सिंह, चेतन वर्मा व अन्य छात्र शामिल हैं. 

​यह था पूरा मामला

इंदौरान के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में फ्रेंशन छात्रों ने सीनियर छात्रों पर रैगिंग करने के आरोप लगाए थे. रैगिंग के दौरान मारपीट और अननैचुरल सैक्स करने के लिए मजबूर किया जाने समेत कई गंभीर शिकायतें की गई थी. इसी के बाद मामला कॉलेज से पुलिस तक पहुंचा. पुलिस ने अंडर कवर जांच कर इस केस में आरोपी छात्रों को जेल तक पहुंचा दिया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
mp indore police lady cop shalini chauhan reveled blind ragging case in mgm collage
Short Title
कॉलेज कैंटीन में बिताया समय, स्टूडेंट बनकर छिपाई पहचान, जानें कैसे इस पुलिसकर्मी
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
mp news
Date updated
Date published
Home Title

कॉलेज कैंटीन में बिताया समय, स्टूडेंट बनकर छिपाई पहचान, जानें कैसे इस पुलिसकर्मी ने पकड़ा रैगिंग गैंग