डीएनए हिंदी: देशभर की अदालतों में जजों की कमी चिंता का विषय है. जिले की अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक में जजों की संख्या अक्सर कम ही रहती है. नया मामला बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट में जज के 40 पर्सेंट पद खाली है. इसका नतीजा यह है कि बॉम्बे हाई कोर्ट में पेंडिंग केस की संख्या बढ़कर 5.88 लाख पहुंच गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट की जज साधना यादव को सोमवार को रिटायर होना है. इसी महीने बॉम्बे हाई कोर्ट में तीन नियुक्तियां भी होनी हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 94 है जबकि अभी कल 57 जज तैनात हैं यानी कुल 40 पर्सेंट पद खाली हैं. नवंबर महीने में छह और जज रिटायर हो जाएंगे. आपको बता दें कि हाई कोर्ट में जजों को स्थायी पद देने से पहले दो साल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में रखा जाता है. बॉम्बे हाई कोर्ट में 9 अतिरिक्त जज तैनात हैं.
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कम नियुक्तियों की वजह से बढ़ रहा है दबाव
जस्टिस दीपांकर दत्ता ने इस साल की शुरुआत में एक सुनवाई के दौरान कहा था कि हाई कोर्ट इस समय जजों की कमी से जूझ रहा है. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने बॉम्बे हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 10 नामों की सिफारिश की थी लेकिन सिर्फ़ तीन पदों पर नियुक्तियां की गईं. इस वजह से वर्कलोड और बढ़ गया है.
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बॉम्बे हाईकोर्ट से इस साल 10 जजों की विदाई होनी है. साल की शुरुआत में जस्टिस एस पी तावड़े रिटायर हो चुके हैं जबकि अतिरिक्त जज जस्टिस पी वी गनेडीवाला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जस्टिस जाधव सोमवार को रिटायर होंगे. न्यायमूर्ति एके मेनन 11 जुलाई को रिटायर होंगे, न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट 18 जुलाई को, न्यायमूर्ति एमजी सेवलीकर 20 सितंबर को, न्यायमूर्ति एस डी कुलकर्णी 1 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. इनके अलावा, जस्टिस सी वी भडांग 4 नवंबर को रिटायर होंगे.
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पेंडिंग पड़े हैं लगभग छह लाख केस
नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड डैशबोर्ड के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट में अभी भी लंबित मामलों की संख्या लगभग 6 लाख है. पिछले एक साल के भीतर 1.14 लाख नए मामले दर्ज किए गए जोकि लंबित पड़े हैं. वहीं, 15,000 से अधिक आपराधिक मामले 10 वर्षों से अधिक और 20 वर्षों से कम समय से लंबित हैं.
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Bombay High Court में जजों के 40 पर्सेंट पद खाली, पेंडिंग में हैं 5.88 लाख केस