डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की दो सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए 1 अगस्त तक नामांकन किया जाएगा. इसके अगले दिन 2 अगस्त तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. चार अगस्त तक उम्मीदवार नाम वापसी कर सकेंगे. इन सीटों के लिए 11 अगस्त को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. विधान परिषद में कुल 8 सीटें खाली हैं जिनमें से दो सीटों पर चुनाव होगा. सूत्रों का कहना है कि सपा इन दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
विधान परिषद में किसी पार्टी की कितनी सीटें
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं. इनमें से सबसे अधिक सीटें बीजेपी के पास है. बीजेपी 73 सीटों के साथ विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी है. जबकि इस सदन में सपा दूसरे नंबर की पार्टी है. सपा के विधान परिषद में 9सदस्य हैं. वहीं बसपा, अपना दल (सोनेवाल), निषाद पार्टी और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के एक-एक सदस्य हैं. इसके अलावा शिक्षक दल के दो, निर्दलीय समूह से दो और निर्दलीय सदस्य के रूप में दो सदस्य हैं. ऐसे में कुल संख्या 92 होती है और आठ सीटें बच जाती हैं.
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2 ही सीटों पर क्यों हो रहा चुनाव?
बता दें कि जिन दो सीटों पर चुनाव होने जा रहा है कि उनमें एक सीट सपा एमएलसी अहमद हसन के निधन और ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे से खाली हुई है. इन दो सीटों के बाद 6 सीटें खाली रहेंगी. यह सभी सीटें मनोनीत सदस्यों वाली है. इन सीटों पर राज्यपाल के द्वारा एमएलसी नियुक्त किए जाएंगे. ऐसे में इन सीटों पर चुनाव कराने की जरूरत नहीं होगी.
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विधान परिषद में 8 सीटें खाली फिर भी दो ही सीटों पर क्यों हो रहा चुनाव? ये है बड़ी वजह