डीएनए हिंदी: शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee Arrest) पर कसता जा रहा है. चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलावा ईडी (Ed Raids) ने अब तक पार्थ के ओएसडी और दामाद के घरों और ठिकानों पर भी छापा मारा है. इस वक्त ममता सरकार बैकफुट पर है और बीजेपी लगातार दबाव की राजनीति कर रही है. ऐसे में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि टीएमसी सुप्रीमो अपने खास सहयोगी पर क्या एक्शन लेती हैं? पार्थ टीएमसी के पुराने वफादार सिपहसालार हैं. खुद बंगाल की सीएम भी उन्हें 'पार्थो दा' कहती हैं और इसी से दोनों के रिश्ते की गहराई समझी जा सकती है.
नंबर 3 माने जाते हैं पार्थ, क्या करेंगी ममता
ममता बनर्जी और पार्थ चटर्जी का साथ काफी पुराना है. पश्चिम बंगाल में एक वक्त ऐसा भी रहा है कि जब ममता दिल्ली की राजनीति में व्यस्त थीं तब पार्थ ही बंगाल में पार्टी के सारे प्रभार देखते थे. टीएमसी में ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक के बाद पार्थ चटर्जी को निर्विवाद तौर पर नंबर 3 माना जाता है. यह भी ध्यान देने की बात है कि ममता के परिवार से बाहर वही उनके सबसे खास हैं.
टीएमसी सुप्रीमो 2024 पर नजर रखे हुए हैं और थर्ड फ्रंड के लिए उनकी सक्रियता पिछले लोकसभा चुनाव से ही जारी है. बंगाल की राजनीति के जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी इस वक्त असमंजस की स्थिति में हैं. ज्यादा संभावना है कि वह पार्थ की मंत्री पद से छुट्टी कर दें.
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सख्त कार्रवाई कर बनाएंगी मिसाल?
ममता बनर्जी से सख्त कार्रवाई की उम्मीद यूं ही नहीं की जा रही है. उनके कैबिनेट मंत्री पर गंभीर आरोप लगना एक तरह से बंगाल की सीएम की पूरी राजनीति पर ही सवालिया निशान खड़े कर रहा है. ऐसे में अगर वब सख्त कार्रवाई करती हैं तो यह एक नजीर होगा.
अगर ममता बीजेपी के हमलों के जवाब में पार्थ चटर्जी के साथ मजबूती से खड़ी रहती हैं तो भी उनके लिए स्थिति बहुत मुश्किल होगी. बीजेपी भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर है और प्रवर्तन निदेशालय की रेड के बाद चटर्जी गंभीर संकट झेल रहे हैं. ऐसे में ममता के लिए बचाव के मजबूत तर्क बिल्कुल नहीं हैं.
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क्या है पूरा घोटाला
पार्थ की करीबी कही जाने वाली अर्पिता मुखर्जी के घर से प्रवर्तन निदेशालय ने 21 करोड़ की नकदी बरामद की है. लिफाफों में रखे इस कैश पर शिक्षा विभाग की मुहर लगी है. पार्थ चटर्जी पर आरोप है कि ग्रुप सी, डी स्टाफ की भर्ती, 11वीं-12वीं कक्षाओं के असिस्टेंट टीचर्स और प्राइमरी टीचर्स की भर्ती में घोटाला किया गया है. इस मुद्दे पर बीजेपी पहले से ही ममता सरकार को घेरते आई है.
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पार्थ चटर्जी पर ममता बनर्जी के लिए फैसला लेना बहुत मुश्किल, समझें कैसे चक्रव्यूह में घिरी हैं टीएमसी सुप्रीमो