डीएनए हिन्दी: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक शर्मनाक खबर आ रही है. यहां एक मासूम बच्ची को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसके पिता ने बस यह पूछ दिया था कि स्कूल में हिन्दी क्यों नहीं पढ़ाई जा रही है. बच्ची अभी नर्सरी की छात्रा है. न्याय के लिए बच्ची के परिवार वालों ने डीएम से गुहार लगाई है. डीएम ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं.
हमारे सहयोगी चैनल जी न्यूज से बात करते हुए बच्ची के पिता मोहम्मद आमिर ने बताया कि मैंने अपनी बच्ची का एडमिशन इस्लामिक मिशन स्कूल (Islamic Mission School) में नर्सरी में कराया था. उन्होंने कहा कि हम लोग 6 महीने के बाद स्कूल आए और प्रशासन से पूछा कि मेरी बच्ची को हिन्दी क्यों नहीं पढ़ाई जा रही है. इस दौरान स्कूल संचालक ने हमारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और हमारे ऊपर ही बदसलूकी का आरोप लगा दिया.
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मोहम्मद आमिर का आरोप है कि इसके बाद मेरी बच्ची को स्कूल से निकाल दिया गया. उन्होंने अलीगढ़ के डीएम से लिखित शिकायत की है. आमिर का कहना है कि डीएम ने मुझे आश्वासन दिया है कि जांच में दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई होगी. आमिर ने बताया कि डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी का जिम्मा सौंपा है.
आमिर का कहना है कि जब मैंने पूछा कि स्कूल में हिन्दी क्यों नहीं पढ़ाई जाती है तो स्कूल के संचालक ने कहा कि आपसे पूछकर थोड़े ही पढ़ाया जाएगा.
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इधर बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ढाका ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. जांच टीम गठित कर दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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'हिन्दी क्यों नहीं पढ़ा रहे...' पूछने पर इस्लामिक मिशन स्कूल ने बच्ची को निकाला